कल वैश्विक राजनीतिक भूचाल आने वाला है. कल 19 दिसंबर है और #EpsteinFiles यानी कि सेक्स स्कैंडल फाइल्स के सनसनीखेज रहस्य दुनिया के सामने आने वाले हैं.
भारत से लेकर अमेरिका तक के उन ताकतवर लोगों की धड़कने बढ़ी हुई हैं, जो किसी न किसी तौर पर कभी भी दुनिया के सबसे बड़े "यौन तस्कर" #Jeffery_Epstein से मिले हैं.
भारत में भी इस सिलसिले में राजनीतिक हलचलें पिछले दिनों तेज रही हैं.
खासकर #JeffreyEpstein के ई मेल में हुए #Modi_on_Board शब्द और एप्सटीन और डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व रणनीतिकार #Steve_Bannon के बीच हुए संवाद में "Modi" का जिक्र बार-बार आने पर हंगामा मचा हुआ है.
बैनन को भेजे एक मेल में एप्सटीन ने लिखा है— "I can set you should meet with Modi"
दो दिनों पहले ही #Congress नेता प्रियंका गांधी ने भारतीय संसद में इसी बाबत सवाल भी किए.
#महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बीते दिनों इसी महीने दावा किया कि इन फाइलों में तीन भारतीय सांसदों –दो वर्तमान और एक पूर्व–के नाम शामिल हो सकते हैं.
वरिष्ठ नेता #सुब्रमण्यम_स्वामी ने भी सोशल मीडिया पर कई बार ये दावा किया है कि #Jeffery_Epstein के #Rolodex यानी संपर्क सूची में कुछ भारतीय मंत्रियों और रसूखदार लोगों के नाम सामने आ सकते हैं.
** हालांकि,यह स्पष्ट करना जरूरी है कि नाम होने का मतलब अपराध में शामिल होना नहीं है. **
#Jeffrey_Epstein फाइल्स का भारत से संबंध हाल ही में हुए कुछ खुलासों और राजनीतिक बयानों के कारण चर्चा में आया है.
#US_Congress की एक समिति द्वारा जारी दस्तावेजों और ईमेल के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ सामने आई हैं.
प्रमुख भारतीय नाम और संदर्भ
अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमेटी द्वारा जारी ईमेल और कैलेंडर रिकॉर्ड्स में कुछ भारतीय हस्तियों का उल्लेख मिला है.
कई भारतीय नाम केवल मीटिंग्स या संपर्कों के संदर्भ में हैं. जैसे कि
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी : –
दस्तावेजों में 2014 के आसपास न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा #UNGA के दौरान एप्सटीन द्वारा उन्हें अपने घर कार्यक्रम या डिनर के आमंत्रित किए जाने का जिक्र है.
#BJP ने इसे "बेबुनियाद दावे" और विपक्ष द्वारा #name_dropping की कोशिश करार दिया है.
अनिल अंबानी:–
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि एप्सटीन के ईमेल संपर्कों में अनिल अंबानी का नाम भी शामिल था.
#Epstein ने #ADAG के चेयरमैन अनिल अंबानी के साथ बैठकें करने या निवेश के अवसरों पर चर्चा करने में रुचि दिखाई थी.
सचिन तेंदुलकर:– हालिया सोशल मीडिया चर्चाओं और कुछ वीडियो रिपोर्ट्स में इनका नाम भी एक 'क्लाइंट लिस्ट' के संदर्भ में लिया गया है, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए फिलहाल इसे आधारहीन कयास भर ही माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:–
कुछ लीक्ड मैसेजेस से संकेत मिलता है कि जब 2019 में मोदी दोबारा जीत कर आए तब #Epstein ने डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व रणनीतिकार #Steve_Bannon और पीएम #Modi के बीच एक बैठक कराने की कोशिश की थी.
रिपोर्टों के अनुसार, एप्सटीन भारत-इजरायल संबंधों के जरिए अपने #Geopolitical_contacts बनाना चाहता था और #Chinaके खिलाफ अमेरिका, भारत और इजरायल को एक करके #Global_Fixer बनना चाहता था.
23 मई 2019 के एक ईमेल में #Steve_Bannon ने लिखा था कि वह मोदी पर एक विशेष शो कर रहे हैं. एप्सटीन इस बातचीत में "मध्यस्थ" की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा था ताकि वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ा सके.
फाइलों के अनुसार, एप्सटीन 2014 से 2019 के बीच भारत के प्रभावशाली नेताओं और उद्योगपतियों के साथ 'बैक-चैनल' संबंध बनाने की योजना पर काम कर रहा था. वह भारत-अमेरिका संबंधों के जरिए अपनी आपराधिक छवि को एक "वैश्विक सलाहकार" के रूप में सुधारना चाहता था.
#America के #Department_of_Justice ने 19 दिसंबर, 2025 तक इससे संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.
अभी हाल ही में अमेरिकी #Congress की एक समिति ने एप्सटीन की संपत्ति से जुड़ी लगभग 95,000 तस्वीरें और हजारों पन्ने जारी किए हैं, जिनमें कई बड़े राजनेताओं और मशहूर हस्तियों की तस्वीरें शामिल हैं.
इन फाइल्स के पन्नों में एप्सटीन के फ्लाइट लॉग्स हैं. उसके निजी जेट पर यात्रा करने वाले हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम हैं.
प्रभावशाली हस्तियों के साथ एप्सटीन की बातचीत के ईमेल और रिकॉर्डिंग्स हैं.
इनमें 2019 में जेल में हुई उसकी मौत और #sex_trafficking से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट्स हैं.



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