AstraZeneca ने पहली बार कबूला कि उसकी #COVID19 की #Covishield वैक्सीन TTS का कारण बन सकती है. जिससे खून के थक्के बनते हैं और यह ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट की वजह हो सकती है...
आपको याद होगा की कैसे #Corona_Vaccine #Covishield को बनाने वाले #Serum_Institute_of_India के CEO #Adar_Poonawalla से मिलने मोदी जी पुणे पहुंच गए थे. फिर आधे अधूरे रिसर्च के आधार पर ही सरकार ने आनन फानन में #COVID19 के लिए बनाए गए वैक्सीन को अपनी महानतम उपलब्धि बताते हुए पूरे धूम धड़ाके से ना सिर्फ अपने नाम पर इसका #डंका बजाया बल्कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर अपनी तस्वीरें भी चिपकाईं.
#Covishield के वैक्सीनेशन के बाद लगातार देश में कम उम्र के बच्चे और युवा चलते फिरते एक सेकंड में कार्डियक अरेस्ट के शिकार होकर अपनी जानें गंवा रहे हैं.
सरकार ने टीकों का जश्न तो मनाया ,पर उसकी वजह से हो रही मौतों पर चुप्पी साध ली.
और तो और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की ओर से भारत के चुनाव आयोग को सौंपी गई #ElectoralBonds की रिपोर्ट का विश्लेषण किया तो पता चला कि #Covishield वैक्सीन बनाने के अगले ही साल, यानी 2022 में #Serum_Institute_of_India के CEO #Adar_Poonawalla ने 48 घंटे के अंदर #मोदी_सरकार को #Electoral_Bond के मध्यम से 50 करोड़ रुपए #चंदा दिए.
15 दिन बाद और ढाई करोड़ रुपए चंदे के रूप में दिए गए. मतलब कुल 52.5 करोड़ रुपए की रकम एक ही बार में #BJP को सौंप दी.
#Corona की दूसरी लहर शुरू होते ही #Adar_Poonawalla प्राइवेट जेट से बीवी बच्चों सहित #Britain निकल लिए.
#UK की एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन ग्लोबल स्तर पर #Covishield और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों से बेची गई.
#AstraZeneca ने UK High Court में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में यह माना है कि #Covishield में मौजूद 'थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम' यानी #TTS सिंड्रोम की वजह से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं.और इसकी वजह से #Vaccine लिए हुए व्यक्ति में हार्ट फेल्योर ,ब्रेन स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना बढ़ जाती है.
इस सिंड्रोम की वजह से बॉडी का प्लेटलेट्स काउंट भी काफी गिर जाता है.
#AstraZeneca ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में वैक्सीन विकसित की है.
#AstraZeneca वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नामों से बेचा गया है.
#UK के अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन के जेमी स्कॉट ने यह वैक्सीन अप्रैल 2021 में लिया था जिसके बाद वे ब्रेन डैमेज के शिकार हो गए थे. पिछले साल जेमी स्कॉट ने व्यूसिन कंपनी के खिलाफ क्लास एक्शन का मुकदमा दायर किया था .
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