नए साल की शुरुआत के साथ ही, आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर, मोदी जी की ED ने खलबली फैलानी शुरू कर दी है.
#INDIA गठबंधन में शामिल नेताओं पर मुसीबत टूट पड़ी है.
एक तरफ #झारखंड के मुख्यमंत्री #HemantSoren के 12 करीबियों के यहां छपा पड़ा है. उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक कुमार उर्फ पिंटू का लॉकर तोड़ने की तैयारी है, वहीं #हेमंतसोरेन की गिरफ्तारी की भी संभावना है.
मामला #अवैध_खनन का है.
ED ki छापेमारी साहिबगंज के #DM और हजारीबाग के #DSP राजेंद्र दुबे के ठिकानों पर भी चल रही है. कई और बड़े अधिकारी भी इस सूची में शामिल हैं.
#HemantSoren ने एक दिन पहले ही #ED पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था.
दूसरी तरफ #Rajasthan में पूर्व मुख्यमंत्री #AshokGehlot और उनके बेटे वैभव गहलोत के ठिकानों पर ईडी की रेड हुई है.
गहलोत के करीबी रहे दो #IAS अधिकारियों के ठिकानों पर भी ED ने छापेमारी की है. कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सांसद रहते हुए खनन घोटाले का मामला उठाया था.उन्होंने दावा किया था कि यह 50 हजार करोड़ से ज्यादा बड़ा घोटाला है.
#VaibhavGehlot पर विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम यानी #FEMA के उल्लंघन का भी आरोप है.
इधर #Delhi के मुख्यमंत्री #ArvindKejriwal की अलग मुश्किलें हैं.
कथित #शराब_घोटाला मामले में ED के तीसरी बार नोटिस भेजने के बाद भी वे ED के समक्ष हाजिर होने नहीं जा रहे.
#kejariwal का मोदी पर आरोप है कि वे केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकनेा चाहते हैं. इसलिए चुनाव से ठीक पहले उन्हें समन भेजा गया है.
ED के समन को केजरीवाल ने "राजनीति से प्रेरित और अवैध" बताया है.
नेता चाहे जो बोलें
पर ED के इन छापों और कारवाइयों से आने वाले आम चुनावों में विपक्ष की स्थिति बेहद कमज़ोर हो सकती है.
आंकड़ों के मुताबिक #UPA सरकार के मुकाबले #NDA की मोदी सरकार में ED ने की 28 गुना ज्यादा छापेमारी की है.
तो क्या विपक्ष का ये आरोप सही है की मोदी सरकार "बदले" की कार्रवाई कर रही है ?
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