#China ना सिर्फ नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, श्रीलंका लद्दाख, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश आदि क्षेत्रों की तरफ से ही हमारे देश में घुसपैठ नहीं बढ़ा रहा, बल्कि चीन अब #हिंद_महासागर के जरिए भी घुसपैठ करने की फिराक में है.
और उसने इस दिशा में अपनी चाल, चल भी दी है.
जरिया बने हैं #Maldives के नए राष्ट्रपति #Mohamed_Muizzu . मुइज्जू के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध जग जाहिर हैं.
मुइज्जू ने #भारत से कहा है कि भारत अब #मालदीव से अपनी सैन्य उपस्थिति हटा ले.
अगर ऐसा होता है तब हिंद महासागर में अपने अपने क्षेत्राधिकार को लेकर चीन और भारत के बीच का तनाव और गहरा हो सकता है.
इस समय तकरीबन 70 भारतीय #Army_Personals , मालदीव में तैनात हैं और जो भारत की मदद से वहां बने रडार स्टेशनों और उसके निगरानी विमानों की देखरेख कर रहे हैं.
इसके अलावा भारतीय युद्धपोत भी मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
चूंकि हिंद महासागर में मालदीव की लोकेशन रणनीतिक रूप से बेहद अहम है. इसलिए भारत को हिंद महासागर में कमजोर करने के लिए चीन पिछले कुछ सालों से मालदीव को खूब लुभाता रहा है. चीन ने मालदीव में बड़े पैमाने पर निवेश किया है.
खाड़ी के देशों से तेल भी यहीं से होकर गुज़रता है, इसलिए भी चीन हिंद महासागर के इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण पुख्ता कर लेना चाहता है.
मुइज्जु ने मालदीव की जनता से अपने चुनावी वादे में भी ये बात शुमार की थी की जीत मिलने के बाद वे अपने देश से भारतीय सेना को हटाने का काम करेंगे.
उन्होंने अपने चुनाव में "इंडिया आउट" का नारा उछाला था.
मुइज्जू के जीतने के बाद उनको बधाई देने वाले में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी पहले नेताओं में थे.
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