Ruby Arun

Friday 27 October 2023

कतर में 8 पूर्व नौसनिकों को फांसी की सजा, भारत सरकार की कूटनीतिक लापरवाही और अक्षमता


 भारत सरकार सफाई दे रही है की 

#Qatar की अदालत द्वारा #भारतीय_नौसेना के आठ पूर्व #सैनिकों को 27 अक्तूबर को मौत की सजा सुनाने के बाद वह इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है.

पर सवाल ये है की जब पिछले साल #कतर में #Israel के लिए #जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और इसी साल के मार्च महीने यानी 8 महीने पहले कतार की अदालत द्वारा उनकी सजा तय की गई थी, तो तब से अब तक भारत सरकार ने क्या किया ?

किन कानूनी विकल्पों पर काम किया?

अपने देश के पूर्व सैनिकों की रिहाई के लिए क्या कोशिशें की ?

गिरफ्तार पूर्व #नौसैनिकों के घरवाले सरकार से उनकी मदद के लिए गुहार लगाते रहे, फिर भी सरकार ने घोर लापरवाही क्यों की ?

जबकि #Modi_Government कतर की न्यायिक प्रक्रिया के अनुरुप इस फैसले के खिलाफ वहां की बड़ी अदालतों में अपील कर सकती थी. 

क्योंकि कतर से आया ये फैसला वहां की निचली अदालत #Court_of_First_Instance_of_Qatar का है.

यह कानूनी विकल्प पास में होते हुए भी #भारत_सरकार चुप क्यों बैठी रही ?


इससे भी बड़ा सवाल तो ये की आखिरकार #Israel से किस #Agreement के तहत और "किसके " कहने पर इन एक्स #Indian_Naval_Officers को कतर में इजरायल के लिए "जासूसी" करने भेजा गया ?


#मौत की सजा पाए इन सभी पूर्व अधिकारियों ने भारतीय नौसेना में 20 वर्षों तक अपनी शानदार सेवा दी है.

साल 2019 में, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को प्रवासी भारतीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया था. 

और इन्हीं पूर्णेंदु तिवारी की बहन #मीतू_भार्गव बार बार लगातार, पिछले साल #गिरफ्तारी होने के बाद से ही #प्रधानमंत्री #गृहमंत्री और #विदेशमंत्री से फरियाद करती रहीं, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी.

नतीजा आज उन पूर्व नौसैनिकों की मौत के रूप में सामने है...

No comments:

Post a Comment