जो गुजरे तेरी यादों में
आगाज़ जो हो तेरे हाथों से.......अंजाम मुकम्मल हो जाए ,मेरा नाम जुड़े तेरी हस्ती से,.....मेरा नाम मुकम्मल हो जाए ...मैं दिन भर भटका करती हूँ...., लम्हों की सूनी बस्ती में ..जो गुजरे तेरी यादों में .......वो शाम मुकम्मल हो जाए.......
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