Ruby Arun

Friday 1 August 2014

मुहब्बत भी... सियासत

कई आँखों में रहती है....... कई बांहें बदलती है...........
मुहब्बत भी... सियासत की तरह.... 
राहें बदलती है..........
इबादत में न हो गर फ़ायदा ...........
तो यूँ भी होता है.........
अक़ीदत....... हर नई मन्नत पे........ 
दरगाहें बदलती है....

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