मुहब्बत भी... सियासत
कई आँखों में रहती है....... कई बांहें बदलती है...........
मुहब्बत भी... सियासत की तरह....
राहें बदलती है..........
इबादत में न हो गर फ़ायदा ...........
तो यूँ भी होता है.........
अक़ीदत....... हर नई मन्नत पे........
दरगाहें बदलती है....
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