Ruby Arun

Saturday 12 May 2012

बस इतनी ही इल्तजा है ..

या रब.......
बस इतनी ही इल्तजा है ....
तबियत मेरी तू तारों सी बनाये रखना.....
की जो..कभी फलक से टूट भी जाऊं ....
तो ज़मीं पे ना गिरुं .....हवाओं में ही कहीं गुम हो जाऊं .

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