Ruby Arun

Monday, 30 April 2012

तश्नगी की मंजिल

या परवरदिगार.......
तश्नगी की कौन सी मंजिल है ये......
शाम से ही.... हर रोज़ ख्वाब में ........
दरिया .....देखती हूँ..

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