Ruby Arun

Monday 30 April 2012

बे-नूर आबिदा की तरह ख्वाहिश है.....

ख्वाहिश है ......
तुम्हारे हर कतरे को महसूस करने की.....
तुम्हे....हर्फ-हर्फ .....सफहा-सफहा ...पढ़ने की....
ख्वाहिश है....
पाकीज़ा कुरान की तरह ....
तुम्हारी पेशानी की आयतों को चूमने की.............
एक .......बे-नूर आबिदा की तरह ........
ख्वाहिश है................*..*))............

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