Ruby Arun

Tuesday 19 September 2023

#नारी_शक्ति_वंदन ,#महिला_आरक्षण_बिल

 राजनीति में महिलाओं के लिए #आरक्षण की शुरुआत #RajivGandhi ने पंचायत और नगर निकाय चुनावों के स्तर से की थी. #ManmohanSingh के कार्यकाल में  विधान सभाओं और संसद में महिलाओं की 33% भागीदारी के लिए #महिला_आरक्षण_बिल पेश किया गया. अब #मोदी सरकार ने इसे मुकाम पर पहुंचाया. लेकिन इस बिल पर #2024Election में अमल नहीं हो पाएगा. #नारी_शक्ति_वंदन विधेयक के मुताबिक 33% रिजर्वेंशन #परिसीमन के बाद ही लागू होगा.ये परिसीमन इस विधेयक के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर ही होगा. #2024Election के पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव ही है. यह #2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों में शायद लागू हो सकता है. साथ ही यह #आरक्षण जनता द्वारा चुने हुए जाने वाले प्रतिनिधियों के लिए लागू होगा.यानी यह #राज्यसभा और राज्यों की #विधान_परिषदों पर लागू नहीं होगा. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है की क्या इस 33 फीसदी के आरक्षण के अंदर #SC #ST #OBC #कमज़ोर वर्ग की #महिलाओं के लिए भी #आरक्षण होगा या नहीं.

1989 में #RajivGandhi ने #पंचायती_राज और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था, तब उसमें चुनावों में #OBC #SC #ST समुदाय की महिलाओं को भी निकाय चुनावों में कोटा दिया गया. #संसद और #विधानसभाओं में #महिलाओं के #आरक्षण की मांग सबसे पहले 1997 में पूर्व PM एचडी देवेगौड़ा सरकार में उठी,लेकिन यह पास नहीं हो सका. 2008 में #UPA की सरकार में फिर से बिल पेश किया गया और 2010 में राज्यसभा में इस पर मुहर लग गई, लेकिन लोकसभा में यह पेश नहीं किया जा सका. #गुजराल सरकार भी #महिला_आरक्षण बिल को लेकर समर्थन पाने में असमर्थ रही. 12 जुलाई 1998 में #अटल_बिहारी_वाजपेयी की सरकार में इस बिल को लेकर भारी हंगामा मचा. #RJD और #SP के साथ #BJP के #OBC सांसदों ने भी बिल का कड़ा विरोध करते हुए संसद में उसकी कॉपी फाड़ दी. #मुस्लिम महिलाओं के #आरक्षण की भी मांग हुई. #2004 में #UPA की सरकार आई और #2005 में पूर्व पीएम #मनमोहन_सिंह ने #NDA तथा अन्य दलों के साथ बैठक कर के #महिलाआरक्षणबिल को फिर से पेश किया. 6 मई 2008 को #यूपीए सरकार ने बिल राज्यसभा में पेश किया गया और स्टेंडिंग कमेटी को भेजा दिया.17 दिसंबर 2009 को स्टेंडिंग कमेटी ने इस बिल पर अपनी सहमति जताई और प्रधानमंत्री की मंजूरी के बाद मार्च 2010 में बिल को #UPA सरकार ने राज्यसभा से पास करा लिया. हालांकि,बिल #लोकसभा में नहीं लाया जा सका. और 2014 में #Modi सरकार आ गई.अब पिछले 9 सालों से #Congress ये मांग कर रही थी की #संसद और राज्यों की #विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कानून बनाया जाए.#RahulGandhi ने #मोदी सरकार पर इस कानून को पारित करने का लगातार दबाव बनाए रखा. #राहुल_गांधी ने इस बिल में #कमज़ोर वर्ग की महिलाओं के हक की भी बात कही.


आखिरकार #मोदीजी ने #राहुल_गांधी की इच्छा पूरी कर दी ,😉😉

पर कुल मिलाकर इसका कोई फायदा तब तक नहीं की जब तक परिसीमन ना हो जाए, जनगणना ना हो जाए.

तब तक यह #नारी_शक्ति_वंदन अधिनियम 15 लाख रुपए हरेक के खाते में और 2 करोड़ रोजगार हर साल वाला ही मामला रह जाएगा 😉

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