Ruby Arun's World
Ruby Arun
Friday, 1 August 2014
मेरी आँखों के पानी में .... तुम बचे रहोगे.
गर जो मालूम होता..... कि मुलाक़ात आखिरी है .....तो किसी खूबसूरत बात पर ख़त्म करती....तुमसे कहती कि जब तक समंदर है तुम मेरे अन्दर बचे रहोगे....... मेरी कविता में. मेरी कहानियों में. ..मेरी आँखों के पानी में .... तुम बचे रहोगे. .....और फिर मैं तुम्हें अंजुरी में लिए लिए हिन्द महासागर तक चली जाउंगी .....और रख आउंगी सबसे ऊंची लहर की गुंथी हुयी चोटी में.....बैठ जाउंगी वहीँ किनारे ...ताकि तुम पछाड़ खाकर मेरी ही देह पर गिरो ...और वहीँ से फिर जनमो...
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