ये फोटो दक्षिण अफ्रीका के मशहूर पत्रकार व पुलित्जर अवार्ड
विजेता KevinCarter ने खीँची थी। ये फोटो 1993 मेँ सुडान मेँ आए भयंकर अकाल व भूखमरी के दिनोँ की है। इस फोटो मेँ एक अत्यंत कमजोर बच्चा भोजन शिविर तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है और 1 गिद्ध भूख से तङप-2 कर मरते उस बच्चे की जान निकलने के इंतजार मेँ बैठा है ताकि उसे मरने
के बाद खा सके और फोटोग्राफर केविन कार्टर ने भूख से मरते हुए उस बच्चे को बचाने का कोई प्रयास नहीँ किया ताकि मरते हुए उस बच्चे की एक अच्छी सी फोटो खीँची जा सके। विडंबना देखिए कि जिस गिद्ध और मरते हुए बच्चे की फोटो के लिए कार्टर की अमानवीयता की तीव्र भर्त्सना होनी चाहिए थी उसके लिए उसको प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार मिला।
विजेता KevinCarter ने खीँची थी। ये फोटो 1993 मेँ सुडान मेँ आए भयंकर अकाल व भूखमरी के दिनोँ की है। इस फोटो मेँ एक अत्यंत कमजोर बच्चा भोजन शिविर तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है और 1 गिद्ध भूख से तङप-2 कर मरते उस बच्चे की जान निकलने के इंतजार मेँ बैठा है ताकि उसे मरने
के बाद खा सके और फोटोग्राफर केविन कार्टर ने भूख से मरते हुए उस बच्चे को बचाने का कोई प्रयास नहीँ किया ताकि मरते हुए उस बच्चे की एक अच्छी सी फोटो खीँची जा सके। विडंबना देखिए कि जिस गिद्ध और मरते हुए बच्चे की फोटो के लिए कार्टर की अमानवीयता की तीव्र भर्त्सना होनी चाहिए थी उसके लिए उसको प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार मिला।
बाद मेँ कार्टर ने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाईड नोट मेँ लिखा कि "भूख से मरता हुआ वो बच्चा, अकाल मेँ ही अन्य मरे हुए बच्चोँ केअस्थि-पिँजर और दक्षिण अफ्रीका मेँ 90 के दशक मेँ घटित हुई Necklacing की घटनाओँ मेँ बर्बरता से मारे गए लोग जिनकी उसने फोटो खीँची थी वे सब उसे हर वक्त डराते हैँ...........
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