Ruby Arun

Wednesday 6 February 2013

ये फतवा है


हम इश्क के...... मुफ़्ती तो नहीं ..........................
मगर .....हमारा  ............
जो राह में ....छोड़ जाए ...................
वो काफिर से .........बदतर है .......... *..*)).....

No comments:

Post a Comment