Ruby Arun

Wednesday 5 September 2012

शहंशाहों के इंसाफ़ और ज़ुल्म में किस क़दर कम फ़र्क़ होता है

हिन्दुस्तान की सरकारे रही हों या शहंशाह ......उनके  इंसाफ़ और ज़ुल्म में बड़ा मुआमली सा  फ़र्क़ रहा है  .. एक दिलचस्प बानगी देखिये फिल्म अनारकली के संवादों की मार्फ़त .....आप समझ जायेंगे कि  प्रमोशन में रिज़र्वेशन आखिर क्या बला है ...........

अकबर अपने संगतराश को इनाम के तौर पर अनारकली देने की पेशकश करता है. वो पहले ही सलीम को दक्कन में जंग लडने भेज चुका है और सलीम की ग़ैर हाज़िरी में उसकी मुहब्बत को ठिकाने लगाना चाहता है. एक बूढे संग तराश के पल्ले बान्धने से बेहतर क्या इलाज हो सकता है इस मर्ज़ का.... :-)
अकबर ...: संगतराश हमें ये जानकर ख़ुशी है कि तुम्हारे जैसे फ़नकार भी हमारी सल्तनत में आबाद हैं.....
संगतराश .. : मगर सच तो ये है कि मैं आपकी सल्तनत में बरबाद हूं

अकबर ... अब नहीं रहोगे. हम तुम्हारे फ़न की ख़ूबसूरती को मानते हैं, और तुम्हें इनाम ओ इकराम  से मालामाल करते हैं.
संगतराश ...: फ़न की ख़ूबसूरती के लिए ये इनामात  बहुत है, मगर फ़न की सच्चाई के लिए बहुत कम.....
अकबर....: फिर क्या चाहते हो.
संगतराश  ....: मैं अपने फ़न की सच्चाई को सल्तनत के गोशे गोशे में फैलाना चाहता हूं
अकबर  ... तुम्हें इजाज़त है .
संगतराश  : ज़हे क़िस्मत. जो करम अधूरा था, उसे ज़िल्ले इलाही की फ़राग़ दिली ने पूरा कर दिया.
अकबर  :.. नहीं... अभी पूरा नहीं हुआ. तुम्हारी ज़िन्दगी में एक मुस्कुराती हुई बहार की कमी है. हम तुम्हें इनाम में वो जीती जागती नाज़नीन भी अता करते हैं, जो तुम्हारे फ़न को पेश करने का ख़ूबसूरत सहारा बनी थी.
संगतराश ... : यानि ?
अकबर ... : यानि कल अनारकली से तुम्हारी शादी कर दी जाएगी .
संगतराश  : लेकिन ज़िल्ले इलाही.
अकबर .. : क्या ये इनामात कम हैं?
संगतराश  : बहुत हैं. उमीद से कहीं ज़्यादा. आज मैं ज़िल्ले इलाही के इंसाफ़ का क़ायल हो गया
अकबर ...: अब तुम जा सकते हो.
संगतराश वापस अपने घर लौट कर अपनी बनाई अनारकली की मूर्ति के सामने कहता है

"शहंशाहों के इंसाफ़ और ज़ुल्म में किस क़दर कम फ़र्क़ होता है"

है ना बेहद ख़ूबसूरत  जुमला. यूपीए सरकार कि कारगुज़ारियों पर ग़ौर कीजिये . इस जुमले की हकीकत  भी ज़ाहिर हो जाएगी............. :-))

2 comments:

  1. Reservation Policy of Government of India create various problems in the administration. This is one of the root cause of crimes also. Talented employees and officers are deprived to get promotion in time due to reservation. Reservation system is dangerous to the country.

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  2. Majak Bana rakha hei UPA ne desh ka aur desh ki janta ka jinke bich.....jatigat khai ko patne ki bajai aur barhane ka kaam kar rahi hei.........Darr ki ki ashantsh ki barthi lehar ek din janmanas ko jinka reservation se wasta hi nahi barbaad na kare.........

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