Ruby Arun

Thursday 11 October 2012

आदत की तरह .

मालूम है मुझे
कि ...मैं तेरे लब पे हूँ .....एक शिकायत कि तरह
याद रखा है तुने मुझे .....एक अदावत कि तरह ..........

तो  ....सुन जानां.............
अब  मेरे लिए भी तेरे हिज्र में ......कुछ लुत्फ़ नहीं है बाकी ..........
अब अगर .........हम तुम्हे याद भी करते है .........
तो ..........महज़ एक आदत की तरह .......................

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