Ruby Arun

Monday 18 June 2012

राहुल की सौगात, राजनीति में रोजगार........रूबी अरुण


राहुल की सौगात, राजनीति में रोजगार


संसद की सूरत अब बदलने वाली है.अनपढ़, ङ्क्षगंवार, देशज और भदेस किस्म के नेताओं के दिन अब लदने वाले हैं. उनकी जगह ऊंची तालीम हासिल किए नौजवान  काबिज़ होने वाले हैं. यह महज़ मुंगेरी लाल का सपना नहीं है, बल्कि वह हक़ीक़त है जो अगले कुछ साल में पुख़्ता श़क्ल अख़्तियार करने वाली है. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का सपना है कि देश की सियासत की डोर युवाओं के हाथ रहे.उन्होंने इसकी पुरज़ोर कवायद भी शुरू कर दी है. इसके लिए राहुल यूपीएससी की तर्ज़ पर देश भर में कांग्रेस की ओर से परीक्षाएं आयोजित करवा रहे हैं. राहुल ने अपनी परीक्षा तो पास कर ली है अब वे देश के युवाओं का इम्तहान ले रहे हैं.जो इस परीक्षा में पास होगा उसे कांग्रेस राजनीति में करियर बनाने का मौका देगी. मतलब यह कि राजनीति अब सिर्फ दांव—पेंच का खेल नहीं रहेगा, बल्कि युवाओं को राजनीति में रोज़गार मिलेगा. उन्हें उनकी योग्यता के मुताबिक पार्टी संगठन में पद दिया जाएगा और योग्यता के अनुसार वेतन भी. अगर कोई व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियां बेहतर तरीके से निभाता है और उसका प्रदर्शन बेहतर होता है तो उसे तरक्की दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है. राहुल जानते हैं कि आम चुनावों में यूपी को जो कामयाबी मिली है अगर उसे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भुनाना है तो वहां एक समर्पित युवा टीम की ज़रूरत पड़ेगी. उस टीम की परिकल्पना को इसी तरह साकार किया जा सकता है. इसके अलावा जो बड़ी बात है वह यह कि राहुल की इस परिकल्पना के ज़रिए जो शिक्षित युवक राजनीति में आएंगे, वे एक साफ—सुथरी राजनीति के वाहक बनेंगे. वे महज़ उठा—पटक , षड्यंत्र और तोहमतों की राजनीति नहीं करेंगे. बल्कि समग्र विकास की बात करेंगे. उंचे सपनों और बड़ी ख़्वाहिशों को लिए ये जोशीले नौजवान जब विधानसभाओं और संसद में पहुचेंगे तो वहां आम—अवाम के हितों की बात करेंगे.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कहते है कि यह विचार राहुल गांधी के दिमाग की उपज है. राहुल कांग्रेस में नए चेहरों के साथ पूरी तरह पेशेवर रूख लाना चाहते हैं.राहुल का मानना है कि देश जितना व्यापक शब्द है,उससे भी ज़्यादा बड़ा सवाल है कि देश बनाता कौन है. जाहिर है इसमें सर्वाधिक भागीदारी युवाओं की ही होती है. इस व़क्त भारत की जनसंख्या का पचास प्रतिशत से अधिक हिस्सा 25 से 40 वर्ष की आयु वर्ग का है और यही वर्ग अभी सामाजिक,आर्थिक,शारीरिक और मानसिक रूप से सबसे ज़्यादा सक्रिय है. इसे अभी बस सही दिशा—निर्देश की आवश्यकता है. राहुल गांधी यही करने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं कि युवा शक्ति क्या कमाल दिखा सकती है यह बात इस लोकसभा चुनाव में जाहिर हो चुकी है.

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