Ruby Arun

Thursday 1 September 2011

हमेशा मुझसे ही क्यों खफा होते हैं
चाँद.... रात... सितारे...पूरी रात
अनदेखे सपनों में उनींदी रहती हूँ....
नींद से मिन्नत करते बीत जाते हैं घंटे...
सुबह भी उतनी ही दूर होती है जितने तुम....

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