Ruby Arun

Monday 7 September 2015

राहुल गाँधी सुधरेंगे नहीं..... तो कांग्रेस संभलेगी कैसे 


 कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में 44 सीटों वाली कांग्रेस को एक नए मुकाम पर ले जाना चाहते हैं, पर अपनी धुंआधार रफ्तार की वजह से वे अक्सरा गलती कर जाते हैं। सबसे ताजा उदाहरण पंजाब कांग्रेस के धुंरधर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह का है। पंजाब के आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कैप्टन राहुल से वन टू वन बात करना चाहते थे। चूंकि अमरिंदर ने राहुल को उनके छुटपन से देखा है, चुनांचे वे राहुल को अब भी ’बाबा’ का ही संबोधन देते हैं, सो कैप्टन ने राहुल के तुगलक लेन स्थित आवास पर फोन कर कहा-’बाबा से कहो मुझे उनको साथ लंच करना है, इस सप्ताह जब भी फुरसत में हों, तो बुला लें।’ कुछ दिनों के उपरांत राहुल का काम काज देख रहे पूर्व आईएएस और कांग्रेस के दलित नेता राजू कैप्टन को फोन करके कहते हैं कि ’वे बाजवा जी के साथ राहुल से मिलने उनके घर आ जाएं। क्योंकि राहुल जी को बाजवा जी की मौजूदगी में ही आपसे बात करनी है।’ यह सुनना था कि कैप्टन बेतरह बिदक गए और अब तलक सूत्रों के हवाले से यही खबर मिल रही है कि उन्होंने राहुल से मिलना अब तक गवारा ही नहीं किया है..............

महाराष्ट्र कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक चव्हाण ने अपना काफी वक्त लगाकर महाराष्ट्र में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए एक ’रोड मैप’ तैयार किया, और इसको लेकर वे राहुल से मिलने पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच कोई 45 मिनट तक बात हुई, राहुल को चव्हाण का यह आइडिया भी बेतरह पसंद आया कि अगर प्रदेश में कांग्रेस इन तरीकों को आजमाए तो उसकी महाराष्ट्र में पुनर्वापसी हो सकती है। फिर चव्हाण ने राहुल को धीरे से कहा, पर इस पूरी कार्य योजना में हमें नारायण राणे को विश्वास में लेना होगा, क्योंकि राज्य में वे अब भी ओबीसी के बड़े नेता हैं। राहुल ने किंचित आश्चर्य से पूछा-’उनकी तो पार्टी छोड़ने की अटकलें थीं, क्या वे अब भी कांग्रेस में हैं?’ हैरान- परेशान चव्हाण ने धीरे से कहा-’बिल्कुल पार्टी में है और उनका बेटा तो कांग्रेस का ही एमएलए है।’ कुछ पलों की चुप्पी साध राहुल ने कहा-’छोडि़ए राणे को, आप तो राजीव सतव को अपने साथ लेकर चलिए, बहुत डायनामिक लीडर है और मैंने सुना है कि इन दिनों आपकी उनसे बन नहीं रही है। चव्हाण ने थोड़ा खीज कर कहा-’कैसी बातें करते हैं, उनको इस लोकसभा में टिकट भी मैंने दिलवाया था, वरना वे आज क्या एमपी होते?’ जाहिर है इस मुलाकात के बात जब चव्हाण बाहर निकले तो उनके चहेरे पर खिन्नता के भाव झलक रहे थे............
पटना के गांधी मैदान में जब लालू-नीतीश की महारैली यानी स्वाभिमान रैली आहूत थी तो पहले लालू उसमें राहुल गांधी को भी बुलाना चाहते थे। इस बाबत जब लालू ने राहुल को फोन किया तो सूत्र बताते हैं कि राहुल लाइन पर ही नहीं आए और न ही लालू को काल बैक ही किया। यह बात लालू के दिल को लग गई। उन्होंने आनन-फानन में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चैधरी को तलब किया और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई, लालू ने साफ कर दिया कि अगर इस रैली में कांग्रेस की ओर से सिर्फ सीपी जोशी शामिल होने वाले हैं तो फिर उन्हें अपने गठबंधन में कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं, वे नीतीश के साथ मिलकर लड़ लेंगे चुनाव। जब इस बात की भनक नीतीश को लगी तो उन्होंने फौरन फोन घुमाकर सोनिया गांधी से दो टूक बात कर ली, यह रैली से दो रोज़ पहले की बात है, नीतीश सोनिया से आग्रह किया कि वो राहुल को समझा-बुझा कर इस रैली में भेजें जिससे कि लालू जी के गुस्से को शांत किया जा सके। कुछ पलों की चुप्पी के बाद सोनिया ने कहा कि उन्हें राहुल का नहीं पता, पर वह खुद इस रैली में शामिल होंगी और सोनिया ने अपना वादा निभाया. ......

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