Ruby Arun

Wednesday, 30 May 2012

तेरा रिश्ता

मेरी दौलत........मेरा असबाब था...... तेरा रिश्ता
आड़े वक़्त के लिए......मुट्ठी में दबा रखा था.........
कमबख्त ......
खोटे सिक्के सा.......
हथेली पे निशाँ छोड़ गया.....

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