मेरी दौलत........मेरा असबाब था...... तेरा रिश्ता
आड़े वक़्त के लिए......मुट्ठी में दबा रखा था.........
कमबख्त ......
खोटे सिक्के सा.......
हथेली पे निशाँ छोड़ गया.....
आड़े वक़्त के लिए......मुट्ठी में दबा रखा था.........
कमबख्त ......
खोटे सिक्के सा.......
हथेली पे निशाँ छोड़ गया.....
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