Ruby Arun

Sunday, 22 January 2012

दिल के फैसले अक्सर .....हमें कम रास आये हैं.....

बड़े अनजान मौसम में .....बहुत बेरंग लम्हों में ...बिना आहट ...बिना दस्तक...... बहुत मासूम सा सपना .......उतर आया है आँखों में .......... बिना सोचे ...बिना समझे ....कहा है दिल ने चुपके से ...... हाँ ..इस नन्हे से सपने को .....आँखों में जगह दे दो ........ बिना रोके ..बिना टोके ....हमेशा की तरह अब भी ..... बिना उलझे ...बिना बोले .....झुका दिया है ...सर हमने भी ....... मगर ...ताबीर क्या होगी .....ये ना हम जाने ....ना दिल जाने ....... बस मालूम है इतना ......... कि .... दिल के फैसले अक्सर .....हमें कम रास आये हैं ......हमें कम रास आये हैं........

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