Ruby Arun

Saturday 21 January 2012

कल रात जाने क्या हुआ ....मैं रात भर रोती रही ........

कल रात जाने क्या हुआ ....कुछ देर पहले नींद से .....कुछ अश्क मिलने आ गए .... कुछ ख्वाब भी टूटे हुए ....कुछ लोग भी भूले हुए ....कुछ रास्ता भटकी हुयीं ....... कुछ गर्द में लिपटी हुयीं .....कुछ खोल में सिमटी हुयीं ..... बेरब्त सी सोचें कई .....भूली हुयी बातें कई .....एक शख्स की यादें कई ...... फिर देर तक जागी रही .....सोचों में गुम बैठी रही ... ऊँगली से ठन्डे फर्श पर ....एक नाम बस लिखती रही ....... कल रात जाने क्या हुआ ....मैं रात भर रोती रही ...मैं रात भर रोती रही .......

6 comments:

  1. I am your big fan.... Love to read all your poems.... Great.... Keep posting....

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  2. Bahut Shukriya Jayant Kumar ......

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  3. ....आज अनायास ही इस खजाने तक पहुच गया ,इश्वर की दी सुन्दर भावनाओ की हिलोर इस सुन्दर चेहरे के पीछे उस से भी सुन्दर दिखाई दी ,यह प्रवाह यु ही सदेव बना रहे .

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  4. awesome sach mai kya likhti hai aap masa allaah

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  5. बहुत सुन्दर और मर्मस्पर्शी...........गज़ब का लिखती हैं आप रूबी जी.......

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  6. wow masa allaah ruby ji seriously GOD BLESS ___ Keep it up !!!

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