Ruby Arun

Wednesday 21 December 2011

.मेरी ज़मी और मेरा आसमान दे दो.

सुनो....
मैं नहीं चाहती ..की तुम मुझे
सारा जहां दे दो.......
तुम तो महज़.....मेरी ज़मी और मेरा आसमान दे दो....
हो जिसमे ..प्यार की खुशबू ...और मिठास ..चाहत की....
बस...ऐसी एक जुबां दे दो...

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