ऐ दोस्त....
गुज़ारिश है तुझसे ...तू कभी इतना बद कलाम ना हो
की ...कभी करीब से गुज़रे.... तो दुआ-सलाम भी ना हो....
चाहे कर ले तू ...हज़ार दुश्मनी ...पर खुदा ना करे .....
की...दिल में कभी एहसासे इन्तेकाम हो ...............
गुज़ारिश है तुझसे ...तू कभी इतना बद कलाम ना हो
की ...कभी करीब से गुज़रे.... तो दुआ-सलाम भी ना हो....
चाहे कर ले तू ...हज़ार दुश्मनी ...पर खुदा ना करे .....
की...दिल में कभी एहसासे इन्तेकाम हो ...............
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