यूँ तो ..........
मुहब्बत ...इबादत है ....पर जाने क्यूँ ..लोग इसे रोग कहते हैं....
गर ये रोग ही है तो .........मौला मेरे
ये फ़क़त छुने से फैले ........
जो रकीब भी मिले हमसे ....तो उसे हम लगा लें गले .....
मुहब्बत ...इबादत है ....पर जाने क्यूँ ..लोग इसे रोग कहते हैं....
गर ये रोग ही है तो .........मौला मेरे
ये फ़क़त छुने से फैले ........
जो रकीब भी मिले हमसे ....तो उसे हम लगा लें गले .....
No comments:
Post a Comment