Ruby Arun

Monday, 2 May 2022

#PawanHans #पवन_हंस का सौदा, एक और घोटाला

 क्या आप सभी को ऐसा नहीं लगता कि देश की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनी पवन हंस को सरकार द्वारा बेच दिया जाना एक बड़ा घोटाला भी हो सकता है ?


पवन हंस की एक ऐसी कंपनी रही है, जो अपने स्थापित होने के साल से ही मुनाफे कमाती रही है. लेकिन जैसे ही 2014 में बीजेपी की सरकार आई इस कंपनी को, घाटे वाली कंपनियों की सूची में दर्ज कर दिया गया. जबकि मोदी सरकार के 2014 -15 के कार्यकाल में भी इस कंपनी ने सरकार को अपने मुनाफे में से लगभग 224 करोड़ का लाभांश दिया था.

2016-17 में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग 243 करोड़ था. लेकिन 2018-19 में सरकारी आंकड़े में पवनहंस को  Rs 63.67 crores के नुकसान और  2018-19  Rs 33.15 crores के नुकसान में दिखाया जाने लगा .

साजिशन इस कंपनी को धीरे धीरे कमजोर करके,इसे बेचने की भूमिका बनाई जाने लगी. 

और आखिर में 500 करोड़ से भी ज्यादा कीमत और 43 हेलीकॉप्टर के मालिक पवन हंस को 29 अक्टूबर 2021 यानी की महज 6 महीने पहले मुंबई में रजिस्टर्ड महज 3 हेलीकॉप्टर के मालिक, Star9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कौड़ियों के दाम सिर्फ 211 करोड़ में बेच दिया जाता है. 

 साल 2017 की बात है, जब भारतीय संसद की परिवहन,पर्यटन और संस्कृति क्षेत्र की स्थायी समिति ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए अपनी रिपोर्ट में यह तथ्य साफ साफ लिखा था कि समिति यह समझने में असफल है कि मुनाफा कमाने वाली कंपनी पवन हंस का रणनीतिक तौर पर विनिवेश क्यों किया जा रहा है ?

पर ये तो मोदी सरकार है जहां सब कुछ (नकारात्मक) मुमकिन है.....

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