Ruby Arun

Saturday 13 April 2024

भाजपा BJP का घोषणा पत्र लोकसभा चुनाव 2024, खोदा पहाड़ निकली चुहिया



 खोदा पहाड़ निकली चुहिया


#BJP का #घोषणापत्र, #मोदी_की_गारंटी 😏

वो भी 2047 तक शासन करने का ख्वाब लेकर.

इस घोषणा पत्र में, #रोजगार और #महंगाई कहां है?? 

मतलब की देश की नस्लें, सड़कों पर भटकती ही रहेंगी, लाठियां खाती रहेंगी.

मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों का निवाला छीनता ही रहेगा..


* * अगले 5 वर्षों के लिए मुफ्त राशन

(गरीब जनता को भीखमंगा बनाए रखेंगे)


* * मोदी (PM) सूर्य घर बिजली योजना

( सोलर एनर्जी कंपनियों को यानी electoral bonds वालों को और मालामाल करते रहेंगे)


* * Uniform Civil Code लागू करेंगे 

(2014 से ही बोल रहे हैं, पर नीयत में जबरदस्त खोट है. बिना यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुए भी देश सौहार्द के साथ ही रहा था. जिसे आपने धर्म और जाति के नफरत में डूबा कर तहस नहस कर दिया.


समान नागरिक संहिता का अर्थ है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना,चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो.सभी धर्मों के लिए शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में एक ही कानून लागू होगा.

इसका अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है.

इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर किसी भी वर्ग विशेष के साथ होने वाले भेदभाव या पक्षपात को खत्म करना है.)


* * पेपर लीक नियंत्रण कानून

( जैसे की व्यापम घोटाले में कारवाई की, वैसे इस माले के लिए अलग से कानून की जरूरत ही नहीं, बस आपकी नीयत की आवश्यकता है.)


* * One Nation One Election लागू करेंगे 

( यानी की छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा होगा.स्थानीय मुद्दे हाशिये पर चले जाएंगे, पिछड़ जाएंगे.

एक बार में चुनाव हुए तो नतीजे आने में काफी वक्त लगेगा.दोगुनी सरकारी मशीनरी की जरूरत पड़ेगी. Vvpat और EVM की खरीद के लिए लगभग 10,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे. हर 15 साल में ये मशीनें बदली जाएंगी यानी फिर से खर्च. इन मशीनों के भादरन के लिए भी अलग से व्यय होगा.

यानी की कारोबारी मितरों के लिए बंपर कमाई की मोदी की गारंटी)


* * भारत ओलंपिक की मेज़बानी करेगा

  ( पहलवान बेटियों और अन्य खिलाड़ियों की दुर्दशा पर मुंह में दही जमा कर रखेंगे, स्पोर्ट्स अकादेमी में अय्याश और दुर्जन लोगों का ही कब्जा रहेगा. हक की बात करने वाले खिलाड़ियों को सड़कों पर घसीटा जाता रहेगा )


* * 3 करोड़ लखपति दीदी बनाएँगे 

( रोजी रोजगार देकर, देश की सभी बेटियों को लखपति बनने का मौका नहीं देंगे, ताकि अगले चुनावों में फिर से 3 करोड़ के बात उछाल सकें.)


* * 3 करोड़ घर बनाएँगे


मोदी जी आपको इतना सब कुछ करने की जरूरत नहीं है.

आप बस एक काम कीजिए, हर हाथ हाथ को रोजगार दे दीजिए. और महंगाई कंट्रोल कीजिए.लोग अपना घर भी बना लेंगे. लखपति भी बन जाएंगे. मुफ्त में राशन भी नही देना होगा. सबकी थाली में पेट भर खाना होगा. पेट भरा होगा तो अपराध भी कम होंगे. नफरत का बाजार भी मंदा होगा. सबके पास काम होगा तो छेड़छाड़,बलात्कार बलवे भी कम होंगे. मेहनत की कमाई से लोग देश को टैक्स भी देंगे. जिससे देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा. देश स्वयं विकसित होगा.

Thursday 4 April 2024

सुप्रीम कोर्ट: 35 साल पहले सीजेआई रहे पिता ने दिया था फैसला, अब जज बेटी करेगी फैसले की समीक्षा

35 साल पहले भारत के #ChiefJusticeOfIndia के पद पर आसीन रहे #ES_Venkataramiah ने `इंडस्ट्रियल अल्‍कोहल` और `नशीली शराब` के बीच फर्क पर आधारित एक केस में अपना फैसला सुनाया था.
अब 35 साल बाद उनकी पुत्री #BVNagarathna उस फैसले की समीक्षा #SupremeCourt की #Justice के तौर पर करेंगी और फैसला सुनाएगी की उनके पिता द्वारा दिया गया "फैसला" सही था या नहीं.

'इंडस्ट्रियल अल्‍कोहल' और 'नशीली शराब' एक हैं या अलग-अलग–इस मसले को लेकर बहुत सालों से केंद्र और राज्यों की सरकारें आमने-सामने रही हैं. यह झगड़ा झगड़ा तगड़े राजस्व की वजह से है.
नशीली शराब को अभी राज्‍य रेगुलेट करते हैं और वे इंडस्ट्रियल शराब का भी कंट्रोल चाहते हैं. केंद्र इसका विरोध कर रहा है. 
 
इसी विवाद पर 1989 में 7 जजों की बेंच बैठी थी, जिसका नेतृत्व #Justice #BVNagarathna के पिता तत्कालीन #CJIOfIndia #ES_Venkataramiah ने किया था.
उसी फैसले का रिव्यू होना है. अभी जो 9 जजों की रिव्यू कमिटी बनी है उसका नेतृत्व #BVNagarathna कर रही हैं .

हालांकि यह पहला मामला नहीं है की जब बतौर जज किसी ने अपने जज पिता के दिए गए किसी फैसले का रिव्यू किया हो या पलटा हो.

सितंबर 2018 में #Justice #DYChandrachud ने अपने पिता #Justice #Yeshwant_Vishnu_Chandrachudका एक और फैसला पलटा था.
 मई 1985 में, सौमित्री विष्णु केस में सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 497 की वैधता बरकरार रखी थी. इस धारा के तहत, केवल शादीशुदा पुरुषों को ही शादी से बाहर यौन संबंध बनाने की सजा मिलती थी. जोसेफ शाइन मामले में, SC के पांच जजों की बेंच जिसमें जूनियर #Justice #DYChandrachud भी शामिल थे,ने सजा के प्रावधान को अपराध मानने से इनकार कर दिया. 
#SupremeCourt ने यह फैसला दिया की व्यभिचार को तलाक का आधार बनाया जा सकता है.
अगस्त 2017 में #Privacy के अधिकार को #जीवन_के_अधिकार का हिस्सा बताने वाले ऐतिहासिक फैसले में #Justice #DYChandrachud ने #Emergency के समय के #ADM #Jabalpur मामले के फैसले को पलटा था. 
उस केस में मौजूदा #CJIofIndia के पिता सीनियर #JusticeChandrachud बहुमत से फैसला देने वालों में शामिल थे. तब अदालत ने कहा था कि सरकार के पास मूल अधिकारों को निलंबित करने की शक्ति है....
वैसे #justice #BVNagarathna साल 2027 में #भारत की पहली महिला #ChiefJusticeOfIndia बनेंगी. हालांकि उनका कार्यकाल महज 37 दिन ही, 24 सितंबर 2027 से 28 अक्टूबर, 2027 तक होगा. 




Tuesday 2 April 2024

लाला रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, पतंजलि का भारमक विज्ञापन मामला

पतंजलि के झूठे विज्ञापन मामले में आज (2 अप्रैल 2024) को सुनवाई के दौरान लाला रामदेव सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए. इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण भी देश की शीर्ष अदालत में हाजिर हुए.


लाला #रामदेव ने आज #SupremeCourt में माफी मांगते हुए कहा की– 

हम,भ्रामक विज्ञापन मामले पर बिना शर्त माफी मांगते हैं, हमसे चूक हुई है....


जवाब में कोर्ट ने कहा कि –हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर सकते. सिर्फ माफी पर्याप्त नहीं है. ये अदालती कार्यवाही है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. 

21 नवंबर के अदालत के आदेश के बाद भी अगले दिन #रामदेव और #बालकृष्ण ने #पतंजलि की प्रेस कॉन्फ्रेंस की.  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था.आप दो महीने के बाद अदालत के समक्ष पेश हुए हैं.

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव  को फटकार लगाते हुए पूछा की–

आपने एक्ट का उलंघन कैसे किया? 

आपने कोर्ट का अंडरटेकिंग देने के बाद भी उलंघन किया.

आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं.

Sunday 31 March 2024

इलेक्टोरल बांड स्कैम –बेतहाशा महंगी होती जीवनरक्षक दवाएं

 



महंगे भोजन के साथ अब महंगी दवाओं की मार भी झेलने के लिए तैयार हो जाइए.
क्योंकि कल यानी 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी. सरकार इन जीवनरक्षक दवाओं को पूरे 12 फीसदी महंगा कर रही है.
महंगी होने वाली दवाएं बुखार,हार्ट डिजीज, स्किन डिजीज,हाई ब्लड प्रेशर, एंटीबायोटिक्स,एनीमिया की दवाएं, विटामिन्स और आयरन जैसी मेडिसिंस हैं.

इससे पहले साल 2022 में दवाओं की कीमतों में 12 प्रतिशत और 2023 में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.पेरासिटामोल में 130 % जबकि एक्सीसिएंट्स के दामों में 18 से 262 % की वृद्धि, मोदी सरकार ने की है.
पेनिसिलिन जी 175 प्रतिशत महंगा हो गया है. ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स 263 प्रतिशत और 83 प्रतिशत महंगे हो गए हैं.

मौजूदा वक्त में, खासकर #COVID19 के बाद में देश की बहुत बड़ी जनसंख्या हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर और डायबिटीज से जूझ रही है. ऐसे में इन बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं की कीमतों में इजाफा, जानलेवा कदम है.
यह देश की 140 करोड़ जनता के जिंदगियों से सरकार द्वारा किया जाने वाला खिलवाड़ है.
पर सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से सार्वजनिक किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने वाली सूची में 23 फार्मा कंपनीज हैं जिन्होंने बीजेपी को 762 करोड़ रुपए का चंदा दिया है.
और इनमें कई ऐसी दवा कंपनियां हैं जिनकी दवाईयां टेस्ट में फेल होती रही हैं.
मतलब की चुनावी चंदा लेकर, देशवासियों की जान से खेलने का धंधा करने की सरकार ने खुली छूट दे दी है....
ऊपर से मनमानी कीमत बढ़ाने की इजाजत भी.
यानी की मरना तो दोनो सूरतों में है.
महंगे होने की सूरत में इलाज ना करवाने पर भी मरिए. और अगर महंगा इलाज करा भी लिया तो टेस्ट में फेल हुई दवाओं को खाकर मरिए....
देश की जनता भले जान से जाए
चंदा मामा का धंधा चलता रहेगा....

तो बोलिए, राम नाम सत्य है.
आज नहीं तो कल,
आसुरी शक्तियों की भी यही गति है....

Monday 18 March 2024

इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कैम में स्टेट बैंक को फिर मिली, सुप्रीम कोर्ट से फटकार


 अगले 3 दिन में #SBI को #ELECTORAL_BOND से जुड़ी एक एक जानकारी सार्वजनिक करनी ही होगी–

#SupremeCourt ने आज सुनवाई के दौरान #एसबीआई को लताड़ते हुए यह सख्त आदेश दिया है.

#Chiefjusticeofindia #DYChandrachud ने तल्ख लहजे में एसबीआई से कहा है की #ElectoralBonds के सभी विवरणों का खुलासा किया जाना चाहिए. कुछ भी चयनात्मक नहीं होना चाहिए. और आप इस आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं. SBI सभी बॉन्ड के यूनिक नंबर यानी अल्फा न्यूमेरिक नंबर निर्वाचन आयोग को मुहैया कराए. हम यह स्पष्ट करते हैं.

आप आदेश का पूरा पालन करें और 21 मार्च शाम पांच बजे तक पूरी जानकारी दें.

#ElectionCommission  SBI से जानकारी हासिल करने के बाद तुरंत अपनी वेबसाइट पर जानकारी साझा करे."


इस मामले में #FICCI और #ASSOCHAM  की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए लेकिन #CJI #DYChandrachud ने उनकी बात सुनने से भी इंकार कर दिया, ये कहते हुए की–आप यह फैसला सुनाए जाने के बाद यहां आए हैं,अभी हम आपकी बात नहीं सुन सकते.

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन यानी #SCBA के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने भी CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने CJI से अपील की थी कि वे इलेक्टोरल बॉन्ड पर अपने फैसले की समीक्षा करें.

इसपर सीजेआई ने फटकार लगाई और आज कहा की - "आपने मुझे एक पत्र लिखा, लेकिन ये सिर्फ पब्लिसिटी के लिए था,खैर इसे यहीं छोड़िए,मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. 21 मार्च तक सारी जानकारी चुनाव आयोग को देने के बाद बैंक कोर्ट में हलफ़नामा दायर करे और बताए कि उसने ये जानकारी आयोग को सौंप दी है.

क्या इंदिरा गांधी की तरह ही नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानेगा कोर्ट !

 प्रधानमन्त्री #मोदी ने ,आंध्र प्रदेश के पालनाडु में एक चुनावी रैली में भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया. 

अब इस मामले में मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की गई है...


चुनाव आयोग के नियम के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए राज्य मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.


1975 में एक ऐसे ही मामले की वजह से #IndiraGandhi का चुनाव इलाहबाद हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था. और #इंदिरा_गांधी के 6 साल तक चुनाव लडने पर भी रोक लगा दी थी.


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा को यह सजा उनके प्रतिद्वंदी नेता राजनारायण द्वारा दी गई याचिका पर दी थी.

राजनरायण ने अपील की थी कि,इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी और संसाधनों का दुरुपयोग किया है, इसलिए उनका चुनाव निरस्त कर दिया जाए.


कोर्ट के सामने इंदिरा गांधी वाला मामला एक नजीर के तौर पर है. तो क्या कोर्ट मोदी पर भी ऐसी ही कोई कार्रवा


ई करेगा !

Saturday 20 January 2024

श्री राम तो हर जीव में हैं, मंदिरों में नहीं


 “आतम ज्ञान जाहि घट होई, 

आतम राम को चीन्है सोई ” –


–तुम आत्मज्ञान की तरफ जाओ, 

राम तुम्हारे भीतर ही हैं, राम हर जगह हैं...


" निर्गुण सगुण दोऊ से न्यारा,

कहें कबीर सो राम हमारा ” –


–राम तो हर जगह हैं,हर व्यक्ति में हैं.

चूंकि तुम्हें ज्ञान नहीं है इसलिए वे तुम्हें दिखाई नहीं देते. इसलिए तुम उन्हें मंदिरों और मूर्तियों में ढूंढते हो..


मुक्तिका उपनिषद में, हनुमान जी

श्रीराम से कहते हैं कि जीवन भर आपकी सेवा में लगा रहा . मैंने आपकी देह देखी है, आपका शरीर देखा है,आपकी लीलाएं देखी हैं . लेकिन प्रभु अब आप मुझे अपना वो स्वरूप दिखाएं और बताएं,जो उच्चतम है, सत्य है,असली है और मुक्तिदायक है.


तब,श्रीराम कहते हैं कि हे हनुमान " मैं वेदांत में वास करता हूं "

जो मुझे जानना और पाना चाहते हैं वो "मूर्त और अमूर्त " के जाल में नहीं फंसेंगे. 

वो वेदांत की ओर आएंगे .


चार राम हैं जगत में,तीन राम व्यवहार..

चौथे राम में सार है, ताका करो विचार...


एक राम दशरत घर डोले,एक राम घट घट से बोले..

एक राम का सकल पसारा,एक राम है सबसे न्यारा....


ज्यादातर लोग, दशरथ के घर में जो राम हैं वहीं पर ठहर जाते हैं.

लेकिन जो राम प्रत्येक व्यक्ति के भीतर है.

वैयक्तिक चेतना में है, कण कण और घट घट में हैं – वहां तक लोग पहुंच ही नहीं पाते.

इसलिए  ईर्ष्या , घृणा, भेद , झूठ, स्वार्थ जैसे विकारों से घिरे रह जाते हैं और मेरा नाम जपने के बाद भी उन्हें मोक्ष नहीं मिल पाता.

क्योंकि ऐसे लोगों में "भाव" तो होता है लेकिन "प्रेम" नहीं ...

और राम तो "प्रेम" के भूखे ...

–रीझत राम सनेह निसोतें…


जहां प्रेम नहीं वहां राम नहीं.....


रामचरित मानस के बालकांड में तुलसीदास जी ने लिखा है कि 

‘रीझत राम सनेह निसोतें

को जग मंद मलिनमति मोतें...


यानि श्री रामजी तो विशुद्ध प्रेम से ही रीझते हैं. और जो प्रेम के इस स्वरूप को ना समझे. राम जी के बनाए जगत में नफरत का जहर घोले. जीवों के बीच भेद करे–

जगत में उन लोगों से बढ़कर मूर्ख और मलिन बुद्धि का और कोई नहीं..


फिर आप चाहे जितने मंदिर बनवा लें

जितनी भी मूर्तियां स्थापित करवा लें

– राम नाम का महात्म्य आपको नहीं मिलने वाला....


#जय_जय_सियाराम