his is a sad truth.
The rotten result of political and capitalist nexus for the poverty of the working and tax-paying people.
The biggest reason for becoming a hindrance in the progress of common man.
फोर्ब्स के रियल टाइम नेट वर्थ डाटा के अनुसार #GautamAdani की संपत्ति इस समय करीब 6.72 लाख करोड़ रुपये है.. वहीं, #MukeshAmbani की संपत्ति 6.71 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर गौतम अडाणी इस समय दुनिया के 11वें सबसे अमीर शख्स हैं..
शेयर बाजार में पिछले कुछ दिन से आ रही गिरावट का फायदा गौतम अडाणी को मिला है..रिलायंस के शेयरों में आई भारी गिरावट के चलते मंगलवार को गौतम अडाणी कमाई के मामले में मुकेश अंबानी से आगे निकल गए और देश के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए..
पर क्या आपको पता है की #गौतम_अडानी
पर 30 अरब डॉलर से भी ज्यादा का कर्ज है ?
विदेशी अखबार फाइनैंशल टाइम्स ने डीलॉजिक के हवाले से लिखा था कि नवंबर 2020 तक अडानी ग्रुप पर 30 अरब डॉलर का कर्ज था। 6 साल पहले विदेशी ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने एक रिपोर्ट में कहा था कि #Adani Group) अधिक कर्ज के कारण मुश्किल में फंस सकता है...
कहा यह भी जाता है कि गौतम अडानी का साम्राज्य कर्ज की बुनियाद पर ही खड़ा है, फिर भी सरकार के साथ नजदीकी के कारण उन्हें सरकारी बैंकों से आसानी से लोन मिल जाता है. इसीलिए अभी तक ग्रुप को इस वजह से कोई दिक्कत नहीं हुई है.
वैसे भी,मोदी सरकार ने अडानी का 4.5 लाख करोड़ का कर्जा माफ पहले ही माफ कर दिया है. लेकिन वे बैंकों का कर्ज नहीं चुका रहे. क्योंकि सरकार ने उन्हें खुली छूट दे रखी है.जबकि 2016 से हर दूसरे साल अडानी की संपत्ति हो रही दोगुनी से भी ज्यादा हो रही है.
जिस तरह किसानों के लिए सरकार कर्जमाफी घोषित करती है,उसी तरह पूंजीपतियों के लिए #NPA घोषित करती है .एनपीए का मतलब, कर्ज ली गई राशि बट्टाखाता में डालना होता है.और यह पैसा सरकार को पूंजीपति कभी भी नहीं लौटाते हैं..
क्या पता सरकार अडानी के सारे कर्ज ही माफ कर दे..
जिस वक्त पूरी दुनिया मुसीबतों से जूझ रही थी,उस वक्त भी अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल देखने को मिली. अर्थशास्त्र के जानकारों को भी ये बात नहीं पची. भाजपा सांसद #SubramanianSwamy ने दावा किया है कि अदानी समूह के पास बैंकों का 4.5 लाख करोड़ रुपये एनपीए के रूप में बकाया है. उनकी अब तक हर दो साल में संपत्ति दोगुनी हो जा रही है,फिर भी वे जिन बैंकों का कर्ज लिए हुए हैं उसका कर्ज क्यों नहीं चुका रहे हैं. #subramanyam_Swami ने अपने एक ट्वीट में कटाक्ष करते हुए लिखा था कि अगर मैं गलत हूं तो मेरी गलती बताइए और हो सकता है कि जल्द जिस तरह उन्होंने छह एयरपोर्ट को खरीदा है, उसी तरह जल्द ही उन सभी बैंकों को खरीद लें जिसके वे कर्जदार हैं।
फोर्ब्स के रियल टाइम नेट वर्थ
डाटा के अनुसार 31 दिसंबर 2021 को अडानी की संपत्ति 5.82 लाख करोड़ रुपये थी.18 जनवरी को यह बढ़ कर 6.95 लाख करोड़ रुपये हो गई थी.
इस हिसाब से साल 2022 में अडानी की कुल संपत्ति में रोजाना 6000 करोड़ रुपये से अधिक इजाफा हो रहा है..
जदयू नेता पवन वर्मा भी राज्यसभा में यह मुद्दा बात उठा चुके हैं.अडानी समूह का कर्ज व इक्विटी लेने का अनुपात किसी भी दूसरी कंपनी से कई गुणा अधिक है.
मार्च 2018 में भी #स्वामी ने अडानी को सबसे अधिक #NPA वाला औद्योगिक समूह बताया था. उन्होंने उस समय गौतम अडानी पर 72 हजार करोड़ का एनपीए होने का दावा किया था.स्वामी के उस पुष्टि प्रमुख वित्तीय संस्थानों के डाटा से होती है..
ब्लूमबर्ग के सितंबर 2017 के डेटा के अनुसार, अदानी पाॅवर पर कुल 47,603.43 करोड़, अडानी ट्रांसमिशन पर 8356.07 करोड़, अडानी इंटरप्राजेज पर 22424.44 करोड़ और अडानी इंटरप्राइजेज पर 20791.15 करोड़ का कर्ज था.. उस समय अदानी के पास 11 बिलियन डाॅलर की संपत्ति थी और वह देश के 10वें सबसे धनी व्यक्ति थे..
इन चार सालों में अडानी की संपत्ति चार गुणा बढी चुकी है और आज अडानी की एक और कंपनी शेयर मार्केट में उतर चुकी है. अडानी ग्रुप की एक #FMCG कंपनी है, #Adani_Wilmar, जिसका #IPO आज यानी 27 जनवरी को खुल चुका है.
इसके अलावा अब अडानी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्पेस में प्रवेश करने जा रहे हैं.
एसबी अडानी ट्रस्ट को जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों के लिए सरकार ने ट्रेडमार्क अप्रूवल दे दिया है.
जिसके तहत वे इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी बनाने और देश भर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेंगे.
यहां जो महत्वपूर्ण बात है वो ये की गौतम अडानी का यह कदम अडानी समूह को टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ खड़ा करता है, जिनकी भी लो-कार्बन प्रॉजेक्ट्स में महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं..
मतलब आने वाले वक्त में हम सभी को हर तरफ सिर्फ #अडानी का ही बोर्ड नजर आने वाला है..
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