Ruby Arun

Thursday, 18 November 2021

आदिवासी समाज के कल्याण के झूठे सरकारी जुमले, बिरसा मुंडा का परिवार है दर बदर

 #जनजातीय_गौरव_दिवस मनाने ही से #आदिवासी_समाज का भला नहीं होने वाला #ModiJi...

भला करने की नियत है अगर तो उनके लिए सम्मानजनक तरीके से रोजी रोटी के इंतजाम करें.

#jharkhad में #bjp की सरकार 2014 से रही,

लेकिन आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले #बिरसा_मुंडा के परिवार की न दरिद्रता दूर हुई ना ही प्रतिष्ठा वाला जीवन ही मिला.


हालांकि #बिरसा_मुंडा के परिवार की बदहाली और अपमान की जिम्मेदार #भाजपा के साथ साथ #Congress #JMM और दूसरी विपक्षी पार्टियां भी हैं. 

आज भी उनके  82 साल के पोते गांव में टॉफी,बिस्कुट बेच कर गुजारा कर रहे हैं.

उनकी परपोती हाट में सब्जी बेचकर #birasa_collage से 

पढ़ाई कर रही है..

#बिरसा_मुंडा की परपोती को कभी भी किसी प्रकार की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिला. उनके परपोते #kanu_mandal #खूंटी SDOऑफिस में चपरासी का काम करते हैं.उन्होंने #मुंडारी भाषा में#Postgraduation किया है.उन्हें किसी भी कॉलेज में इस भाषा का #शिक्षक नियुक्त किया जा सकता है. 

#बिरसा_राष्ट्र_स्वाभिमान_दिवस और #बिरसा_आदिवासी_गौरव_दिवस मनाने का ढोंग करने वालों को यह तक नहीं पता की उनके घर और पूरे गांव में पीने का साफ पानी तक नहीं. घर की बहु कुआं भी नहीं, जुआं से गंदा पानी भरती हैं. 

सिर्फ स्टेशन का नाम #रानी_कमलापति रख देने से आदिवासियों का कल्याण हो जाएगा, ऐसा सिर्फ आप ही सोच सकते हैं #मोदीजी.

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