Ruby Arun

Wednesday 16 September 2020

Abraham Accord treaty and Muslim Brotherhood अब्राहम अकॉर्ड समझौता और मुस्लिम भाईचारा

 भारत के सामाजिक सौहार्द, भाईचारे के लिए

एक बहुत आशाजनक खबर है...


अमरीका, इसराइल, यूएई और बहरीन ने 

मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. 

जिसे Abraham Accord नाम दिया गया है. 


इस समझौते का मतलब ये कि अब

अरब देशों और इज़राइल के बीच की पुरानी

शत्रुता समाप्त हो रही है.


जिसका भारत पर भी गहरा असर पड़ना है. 

मतलब ये कि भारत की सरकार से जुड़ी

राजनीतिक पार्टी या विपक्षी पार्टियों के लिए 

भारतीय मुसलमानों पर ज़बानी आक्रमण भी अब आसान नहीं होगा... 


मोदी सरकार को ना चाहते हुये भी अपने 

ज़हर उगलते लोगों पर नकेल कसनी होगी 

वरना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भयंकर किरकिरी होने 

के साथ ही, इसका नकारात्मक असर POK से

जुड़े मसलों पर भी पड़ेगा. 

 फिलहाल नकेल कसनी के  उदाहरण के तौर 

पर कंगना राणावत द्वारा मुंबई को POK 

 बोलना और फिर मुंबई से उनकी हिमाचल रवानगी को आप देख सकते हैं. 


बहरहाल यह समझौता, भारत के लिए सफल साबित हो.. इसके लिए PM मोदी के उपर अब

 भारतीय सामाजिक संतुलन बनाए रखने की

अग्निपरीक्षा जैसी जिम्मेदारी आन पड़ी है. 

मोदी को ऐसा हर हाल में करना ही पड़ेगा. 

क्योंकि, यह समझौता मुस्लिम ब्रदरहुड’ और ‘हमास’ के बीच निकटता बढ़ाने के लिए ही

किया गया है. 


अब्राहम समझौता (‘Abraham Accord’)  जिसे ईसाई अमेरिका (Christian US) के मध्यस्थता में यहूदी इज़राइल (Jewish Israel) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच बनाया गया है...


इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात 

दोनों ही भारत के बेहद करीबी मित्र देश हैं..

 ऐसे में भविष्य‍ में इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (Organisation of Islamic Cooperation-OIC) में कश्मीर का मुद्दा भी हमेशा के लिये समाप्त हो सकता है...



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