Ruby Arun

Monday, 15 June 2020

सरकार की कूटनीतिक नासमझी ने, नेपाल को भी बनाया दुश्मन

अरे कोई ऐसा सलाहकार नहीं है क्या
प्रधानमंत्री के खेमे में, जो उन्हें नेहरू जी के पंचशील के
सिद्धांत के बारे में समझा सके......
कोई तो समझाओ मोदी जी को कि

नेपाल भारत और चीन के बीच बफर स्टेट है...
इतने सालों से भारतीय सरकारों ने प्यार दुलार और
मनुहार से भारत से सटा कर रखा था .
चूंकि नेपाल से हमारे देश की पौने दो हजार किलोमीटर की सीमा लगी हुयी है.
और अभी तक नेपाल से जो हमारे देश के प्यार भरे रिश्ते थे, खुली आवाजाही थी, प्रगाढ़ आत्मिक रिश्ते थे,
इन सबकी वजह से न सिर्फ हमारे देश का सीमा सुरक्षा बालों पर होने वाला खर्च बेहद कम रहा, बल्कि
चीन के बार बार आमंत्रण के बाद भी, नेपाल ने कभी खुल कर चीन का साथ नहीं दिया, भारत के साथ ही बना रहा.

लेकिन आपकी बेवकूफाना कूटनीतिक हरक़तों ने पुराने दोस्त रहे नेपाल को भी देश के खिलाफ कर दिया.
अब चीन की तरह, नेपाल भी हमारे देश के इलाकों को अपने सरकारी नक्शे में शामिल कर रहा है.
और न सिर्फ बिहार, बल्कि जिस भी ओर से नेपाल की सीमा भारत से लगती है
उस तरफ से नेपाल ,भारतीय क्षेत्रों का अतिक्रमण कर रहा है.
सिर्फ, इतना ही नहीं
नेपाल की सरकार ने अपनी सेना को यह निर्देश भी
दे दिए हैं कि अगर इन मामलों में स्थानीय भारतीय नागरिक हस्तक्षेप करें तो गोलीबारी से भी परहेज
न किया जाये.
चार दिनों पहले, हम बिहार के सीतामढ़ी जिले की नेपाल से लगती सीमा पर गोलीबारी के गवाह बन भी चुके हैं.

लेकिन अभी तक भारत सरकार की ओर से इस मामले
पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
तो क्या इसका मतलब यह है कि
सरकार इस बेहद संवेदनशील मसले कोई गंभीरता से नहीं ले रही
या फिर पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध कायम कैसे रखे जायें, इस कूटनीतिक विवेक की कमी है??

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