अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ प्रदर्शन अब शांतिपूर्ण होते जा रहे हैं. लेकिन इसके खत्म होने के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं ...
लगभग पूरी दुनिया में लोग इस मसले को लेकर
सड़क पर उतर चुके हैं, हर नस्ल, हर जाति और हर मज़हब के लोग, एक अश्वेत व्यक्ति के नागरिक अधिकार के लिए लड़ाई में शामिल हो चुके हैं.
सिर्फ हमारे देश भारत को छोड़कर *
क्योंकि हम इस लायक नहीं हैं.
हमने अपनी सोच विकृत और घिनौनी कर रखी है.
जब मामला रोहित वेमूला का था तब भी.
और जब बात नजीर की थी, तब भी...
जबकि अमेरिका में सभी लोग एक नागरिक के अधिकार के लिए लड़ रहे है. क्योंकि उन्हें पता है नागरिक
अधिकारों का महत्व. वहाँ 1789 में ही नागरिक अधिकारों के लिए संविधान में पहला ,10 संशोधन
bill of rights के रूप में किया गया था....
यही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में लोग ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं..
फ्रांस की राजधानी पेरिस और देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ है.
दुनिया के कई देशों में स्थित अमेरिकी राजनीतिक व वाणिज्यिक दूतावासों पर इस समय प्रदर्शनकारियों द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या का विरोध दर्ज कराया जा रहा है..
लीवरपूल ब्रिटेन में जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंट जॉर्ज हॉल को बैंगनी रोशनी से नहला
दिया गया .
आस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर पर्थ में हज़ारों की
संख्या में लोग इस बात को लेकर अपनी नाराजगी जताने
सड़क पर उतर पड़े.
फिलिस्तीनियों ने जेरुसलम में कल रात
लाइट रेल ट्रेन को रोककर अपना सख़्त विरोध
दर्ज किया.
ब्राजील के नागरिक भी अपनी पूरी उर्जा के साथ
इस विरोध को अपना समर्थन दे रहे हैं.
बड़ी तादाद में अमेरिका, बीती रात
व्हाइट हाउस के सामने सड़क पर बैठ गए
सभी ने अपने अपने फोन की फ्लैश लाइटें ऑन कर लीं
और समवेत स्वर में गाने लगे
"लीन ऑन मी"
इन्हीं विरोध प्रदर्शनों का असर है कि
फ्लॉयड की मौत के जितने आरोपी पुलिस वाले हैं
उनको कस्टडी में ले लिया गया है.
उनमें से पहले ही एक पुलिस वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ,अब बाकी बचे पुलिस वालों पर भी
कार्रवाई की गई है.
जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को हत्या के बाद से ही
मार्च निकालना इन प्रदर्शनों का हिस्सा रहा है. मिनीपोलिस के एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड को
जमीन पर गिरा के उनकी गर्दन अपने घुटने से दबा दी थी
जिससे की उनकी मौत हो गई थी.
सिडनी से लेकर पेरिस तक इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ईयू इस घटना से ‘स्तब्ध और हैरान’ हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री JustinTrudeau पार्लियामेंट हिल्स में आयोजित नस्लवादी विरोधी रैली में घुटने पर बैठकर "ब्लैक लाइव्स मैटर" मूवमेंट को अपना समर्थन दिया.
कैपिटल हिल पर जश्न का माहौल है.
सिएटल के विरोध प्रदर्शन में इतने दिनों बाद भी
अमेरिकी प्रदर्शनकारियों का हौसला और जज़्बा
कमाल का है. वे नाच रहे हैं, गा रहे हैं
और पूरी मज़बूती के साथ, सरकार तक
अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
#GeorgeFloyd #USA
लगभग पूरी दुनिया में लोग इस मसले को लेकर
सड़क पर उतर चुके हैं, हर नस्ल, हर जाति और हर मज़हब के लोग, एक अश्वेत व्यक्ति के नागरिक अधिकार के लिए लड़ाई में शामिल हो चुके हैं.
सिर्फ हमारे देश भारत को छोड़कर *
क्योंकि हम इस लायक नहीं हैं.
जब मामला रोहित वेमूला का था तब भी.
और जब बात नजीर की थी, तब भी...
जबकि अमेरिका में सभी लोग एक नागरिक के अधिकार के लिए लड़ रहे है. क्योंकि उन्हें पता है नागरिक
अधिकारों का महत्व. वहाँ 1789 में ही नागरिक अधिकारों के लिए संविधान में पहला ,10 संशोधन
bill of rights के रूप में किया गया था....
यही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में लोग ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं..
फ्रांस की राजधानी पेरिस और देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ है.
दुनिया के कई देशों में स्थित अमेरिकी राजनीतिक व वाणिज्यिक दूतावासों पर इस समय प्रदर्शनकारियों द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या का विरोध दर्ज कराया जा रहा है..
लीवरपूल ब्रिटेन में जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंट जॉर्ज हॉल को बैंगनी रोशनी से नहला
दिया गया .
आस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर पर्थ में हज़ारों की
संख्या में लोग इस बात को लेकर अपनी नाराजगी जताने
सड़क पर उतर पड़े.
फिलिस्तीनियों ने जेरुसलम में कल रात
लाइट रेल ट्रेन को रोककर अपना सख़्त विरोध
दर्ज किया.
ब्राजील के नागरिक भी अपनी पूरी उर्जा के साथ
इस विरोध को अपना समर्थन दे रहे हैं.
बड़ी तादाद में अमेरिका, बीती रात
व्हाइट हाउस के सामने सड़क पर बैठ गए
सभी ने अपने अपने फोन की फ्लैश लाइटें ऑन कर लीं
और समवेत स्वर में गाने लगे
"लीन ऑन मी"
इन्हीं विरोध प्रदर्शनों का असर है कि
फ्लॉयड की मौत के जितने आरोपी पुलिस वाले हैं
उनको कस्टडी में ले लिया गया है.
उनमें से पहले ही एक पुलिस वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ,अब बाकी बचे पुलिस वालों पर भी
कार्रवाई की गई है.
जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को हत्या के बाद से ही
मार्च निकालना इन प्रदर्शनों का हिस्सा रहा है. मिनीपोलिस के एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड को
जमीन पर गिरा के उनकी गर्दन अपने घुटने से दबा दी थी
जिससे की उनकी मौत हो गई थी.
सिडनी से लेकर पेरिस तक इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ईयू इस घटना से ‘स्तब्ध और हैरान’ हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री JustinTrudeau पार्लियामेंट हिल्स में आयोजित नस्लवादी विरोधी रैली में घुटने पर बैठकर "ब्लैक लाइव्स मैटर" मूवमेंट को अपना समर्थन दिया.
कैपिटल हिल पर जश्न का माहौल है.
सिएटल के विरोध प्रदर्शन में इतने दिनों बाद भी
अमेरिकी प्रदर्शनकारियों का हौसला और जज़्बा
कमाल का है. वे नाच रहे हैं, गा रहे हैं
और पूरी मज़बूती के साथ, सरकार तक
अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
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