खुशियाँ चाहे जितनी बाँटो..... घर में थोड़ा सा ग़म रखना .....
बाहर कैसा भी बन्जर हो.....अन्दर से मिट्टी नम रखना....
उन पेड़ों के फल ..मत खाना..... जिनको तुमने ही बोया हो.....
जिन पर हों अहसान तुम्हारे..... उन से आशाएं मत रखना.....
बाहर कैसा भी बन्जर हो.....अन्दर से मिट्टी नम रखना....
उन पेड़ों के फल ..मत खाना..... जिनको तुमने ही बोया हो.....
जिन पर हों अहसान तुम्हारे..... उन से आशाएं मत रखना.....
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