Ruby Arun

Thursday, 5 January 2012

क्या हो नहीं सकता .

दहलीज़ पे रख दी हैं किसी शख़्स ने आँख़ें ..
रोशन कभी इतना तो दिया हो नहीं सकता....
बस तू मेरी आवाज़ से आवाज़ मिलादे .....
फिर देख के इस शहर में क्या हो नहीं सकता ...

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