Ruby Arun

Thursday 2 May 2024

कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से मोदी जी की फोटो गायब !

 #वक्त बदलता जरूर है...

जिनके साम्राज्य की बुनियाद ही #डर था.

वो आज खुद #डरे हुए है...


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर #Covid वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से गायब है.

सरकारी दलील ये है कि,आचार संहिता की वजह से 

ऐसा किया गया है.


वाकई? ये दलील मानने योग्य है?

ये कब से #चुनाव_आयोग और #आचार_संहिता 

मानने लग गए???

दरअसल 1 मई को #SupremeCourt में एक याचिका दाखिल कर #Covishield वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए एक्सपर्ट्स पैनल बनाने की मांग की गई है.

याचिका में ये भी मांग की गई है कि अगर इस वैक्सीन से किसी को नुकसान हुआ है तो उन्हें मुआवजा देने का सिस्टम बनाया जाए. 


याचिका का आधार #Covishield बनाने वाली फार्मा कंपनी #AstroZeneca के #UK_Court में दिए गए इस बयान को बनाया गया है जिसमें कंपनी ने ये स्वीकार किया था कि कोविशील्ड वैक्सीन की उसके बनाए #vaccine से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम #TTS जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. #TTS में असामान्य रूप से प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगती है और खून के थक्के बन सकते हैं. ब्रेन डैमेज और हार्ट फेल्योर हो सकता है.

इस फॉर्मूले का लाइसेंस #Pune के #Serum_Institute_of_India को दिया गया था. देश में 175 करोड़ से अधिक भारतीयों को #Covishield टीके लगाए गए थे. 

आंकड़े गवाह हैं की #Covid19 महामारी के बाद से ज्यादातर यूथ में दिल का दौरा पड़ने और अचानक होने वाली मौतों की संख्या बढ़ी है.


#Serum_Institute_of_India के #CEO #AdarPoonawala ने 52.5 करोड़ रुपए #ElectoralBond के मार्फत मोदी जी को चंदा भी दिया है.



Tuesday 30 April 2024

कोरोना , कोविशील्ड, मोदी सरकार की बदनीयती और इसराइली दावा कंपनियों से गठजोड़


 रिपोर्ट थोड़ी लम्बी है
पर जरूर पढ़िए क्योंकि हमारी–आपकी, सबकी जिंदगियों का सवाल है और मौजूदा सरकार की बदनीयती को बारीकी से समझने की जरूरत है....

–जैसा की आप जानते हैं कि मुठ्ठी भर यहूदियों ने #अमेरिका का मुखौटा पहन कर अपनी #Conspiracy_Theory  के तहत विश्व के कई देशों को कंट्रोल कर रखा है. लेकिन पिछले 10 सालों में इनका सबसे ज्यादा नियंत्रण हमारे देश की सरकार पर है. वो चाहे #covishieldvaccine का मामला हो #नोटबंदी हो #किसानों की भूमि का अधिग्रहण हो, बैंकों से लोन के नाम पर लाखों करोड़ रुपए की लूट हो, #फसलों का बीज हो, पीने और सिंचाई के पानी का कॉर्पोरेट्स के हाथों में जाना हो, #स्वच्छ_भारत के तहत #सेनिटेशन का काम हो या किसी #महामारी या #रोग_उन्मूलन के नाम पर किसी #NGO द्वारा चलाया गया अभियान या #दवा वितरण हो ( ज़्यादातर मामलों में इसकी आड़ में नई दवाओं का परीक्षण गरीबों पर किया जाता है. क्योंकि वो मेरे या जिएं किसी सरकार को क्या फर्क पड़ता है 😔), #आयुष्मान_भारत के तहत #जन_औषधि कार्यक्रम लॉन्च करके #GenericMedicines का धंधा हो, 5 किलो फ्री राशन योजना हो,
 या फिर #आधार_कार्ड की मार्फत #डाटा चोरी का मामला हो.
सबके पीछे इजराइल की ही कोई ना कोई कंपनी किसी छद्म ब्रिटिश,अमेरिकन या भारतीय नाम की कोई कंपनी होती है.

अब आप #Covishield का ही मामला ले लीजिए. जगजाहिर है की #Astrozenica की #Vaccine ही #COVID2019 के प्रसार को रोकने के लिए #AdarPoonawalla की कंपनी की आड़ में उसे भारतीय ब्रांड बता कर देश के करोड़ों लोगों की #जिंदगी से खिलवाड़ किया गया.

क्या आप जानते हैं की #Astroizenica फार्मा , इजराइल की फार्मा कंपनी #Teva_Pharmaceutical के साथ टाई अप है और साल 2010 से ही उसके साथ मिल कर दुनिया भर में #Generic_Medicine का काम करती है.
और इस #Teva_Pharmaceuticals को #BillGates और #MelindaGates अरबों रुपयों का डोनेशन देते हैं.
अभी कुछ दिनों पहले ही #BillGets मिलकर गए हैं #मोदी जी से और बहुत सारे एग्रीमेंट भी हुए हैं इनके दरम्यान.
बिल गेट्स पर पहले भी भारत में गलत दवाओं के वितरण के आरोप लग चुके हैं.

बहरहाल

ये दोनों कंपनियां एक #Consipiracy के तहत दूसरी फार्मास्यूटिकल कंपनीज से #Benefit_Share का करार करती हैं और उन्हें उनकी जीवन रक्षक दवाओं, पेन किलर्स कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, डायबिटीज, हार्ट, कैंसर आदि की दवाओं की कीमतों में बेतहाशा इजाफा करने की कहती हैं. ये दवाएं आम लोगों की जेबों की औकात से बाहर होती हैं. फिर #Astrozenica और #Teva_Pharmaceuticals अपने नियंत्रण वाली सरकारों के देश में (खासकर भारत जैसे ज्यादा जनसंख्या और गरीबी वाले देश) में अपनी #Generic_Medicine लॉन्च करती हैं. 
फिर उक्त सरकारें अपने अपने देश के #Taxpayers के पैसों से #Health_Insurance जैसे तमाम लुभावने कार्यक्रमों को अपनी सरकार द्वारा #जनहित में लिए गए फैसलों का #डंका पीटते हुए उन दवाओं का व्यापक बाजार बनाती है. 
इस तरह बिना किसी खर्च के नई दवाओं का  गरीबों की जिंदगी दांव पर लगा कर परीक्षण भी हो जाता है और मोनोपोली के साथ बेतहाशा कमाई भी होती रहती है. 
#अमेरिका में दो दशकों में अलग अलग समय पर फैली महामारी के बाद लगभग 5 लाख लोगों की मौत हुई बताई जाती है. इस दौरान #Teva#Pharamaceuticals ने एक पेन किलर इंट्रोड्यूस किया था, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में लोगों को आगाह नहीं किया था. जिसकी वजह से इस कंपनी को अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ा.
साल 2020 में ऐसे ही #Sandoz के एक अधिकारी के साथ मिलकर टेवा ने कॉलेस्ट्रोल की दवाओं की कीमतों में घालमेल किया था. इसमें #Glenmark_Pharmaceuticals_USA भी बराबर का दोषी पाया गया था.
#USA की कोर्ट ने #Teva_Pharma पर $225 million की criminal penalty और #Glenmark पर $30 million की criminal penalty लगाई थी.
यह जुर्माना अभी तक का घरेलू #Antitrust_Cartel के लिए दिया गया सबसे बड़ा जुर्माना है.
इस मामले में कोलेस्ट्रॉल के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दवा #Pravastatin को #PriceWar के लिए तीसरे पक्ष को बेच दिया गया था.









Monday 29 April 2024

#Covishield वैक्सीन TTS का कारण बन सकती है. जिससे खून के थक्के बनते हैं और यह ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट की वजह

AstraZeneca ने पहली बार कबूला कि उसकी #COVID19 की #Covishield वैक्सीन TTS का कारण बन सकती है. जिससे खून के थक्के बनते हैं और यह ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट की वजह हो सकती है...


आपको याद होगा की कैसे #Corona_Vaccine #Covishield को बनाने वाले #Serum_Institute_of_India के CEO #Adar_Poonawalla से मिलने मोदी जी पुणे पहुंच गए थे. फिर आधे अधूरे रिसर्च के आधार पर ही सरकार ने आनन फानन में #COVID19 के लिए बनाए गए वैक्सीन को अपनी महानतम उपलब्धि बताते हुए पूरे धूम धड़ाके से ना सिर्फ अपने नाम पर इसका #डंका बजाया बल्कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर अपनी तस्वीरें भी चिपकाईं.


#Covishield के वैक्सीनेशन के बाद लगातार देश में कम उम्र के बच्चे और युवा चलते फिरते एक सेकंड में कार्डियक अरेस्ट के शिकार होकर अपनी जानें गंवा रहे हैं.


सरकार ने टीकों का जश्न तो मनाया ,पर उसकी वजह से हो रही मौतों पर चुप्पी साध ली. 

और तो और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब प्रूडेंट इलेक्‍टोरल ट्रस्‍ट की ओर से भारत के चुनाव आयोग को सौंपी गई #ElectoralBonds की र‍िपोर्ट का व‍िश्‍लेषण किया तो पता चला कि #Covishield वैक्‍सीन बनाने के अगले ही साल, यानी 2022 में #Serum_Institute_of_India के CEO #Adar_Poonawalla ने 48 घंटे के अंदर #मोदी_सरकार को #Electoral_Bond के मध्यम से 50 करोड़ रुपए #चंदा द‍िए.

15 दिन बाद और ढाई करोड़ रुपए चंदे के रूप में द‍िए गए. मतलब कुल 52.5 करोड़ रुपए की रकम एक ही बार में #BJP को सौंप दी.

#Corona की दूसरी लहर शुरू होते ही #Adar_Poonawalla प्राइवेट जेट से बीवी बच्चों सहित #Britain निकल लिए.


#UK की एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन ग्लोबल स्तर पर #Covishield और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों से बेची गई.

#AstraZeneca ने UK High Court में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में यह माना है कि #Covishield में मौजूद 'थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम' यानी #TTS सिंड्रोम की वजह से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं.और इसकी वजह से #Vaccine लिए हुए व्यक्ति में हार्ट फेल्योर ,ब्रेन स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना बढ़ जाती है.

इस सिंड्रोम की वजह से बॉडी का प्लेटलेट्स काउंट भी काफी गिर जाता है.

#AstraZeneca ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में वैक्सीन विकसित की है. 

#AstraZeneca वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नामों से बेचा गया है.

#UK के अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन के जेमी स्कॉट ने यह वैक्सीन अप्रैल 2021 में लिया था जिसके बाद वे ब्रेन डैमेज के शिकार हो गए थे. पिछले साल जेमी स्कॉट ने व्यूसिन कंपनी के खिलाफ क्लास एक्शन का मुकदमा दायर किया था .



 

Saturday 13 April 2024

भाजपा BJP का घोषणा पत्र लोकसभा चुनाव 2024, खोदा पहाड़ निकली चुहिया



 खोदा पहाड़ निकली चुहिया


#BJP का #घोषणापत्र, #मोदी_की_गारंटी 😏

वो भी 2047 तक शासन करने का ख्वाब लेकर.

इस घोषणा पत्र में, #रोजगार और #महंगाई कहां है?? 

मतलब की देश की नस्लें, सड़कों पर भटकती ही रहेंगी, लाठियां खाती रहेंगी.

मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों का निवाला छीनता ही रहेगा..


* * अगले 5 वर्षों के लिए मुफ्त राशन

(गरीब जनता को भीखमंगा बनाए रखेंगे)


* * मोदी (PM) सूर्य घर बिजली योजना

( सोलर एनर्जी कंपनियों को यानी electoral bonds वालों को और मालामाल करते रहेंगे)


* * Uniform Civil Code लागू करेंगे 

(2014 से ही बोल रहे हैं, पर नीयत में जबरदस्त खोट है. बिना यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुए भी देश सौहार्द के साथ ही रहा था. जिसे आपने धर्म और जाति के नफरत में डूबा कर तहस नहस कर दिया.


समान नागरिक संहिता का अर्थ है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना,चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो.सभी धर्मों के लिए शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में एक ही कानून लागू होगा.

इसका अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है.

इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर किसी भी वर्ग विशेष के साथ होने वाले भेदभाव या पक्षपात को खत्म करना है.)


* * पेपर लीक नियंत्रण कानून

( जैसे की व्यापम घोटाले में कारवाई की, वैसे इस माले के लिए अलग से कानून की जरूरत ही नहीं, बस आपकी नीयत की आवश्यकता है.)


* * One Nation One Election लागू करेंगे 

( यानी की छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा होगा.स्थानीय मुद्दे हाशिये पर चले जाएंगे, पिछड़ जाएंगे.

एक बार में चुनाव हुए तो नतीजे आने में काफी वक्त लगेगा.दोगुनी सरकारी मशीनरी की जरूरत पड़ेगी. Vvpat और EVM की खरीद के लिए लगभग 10,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे. हर 15 साल में ये मशीनें बदली जाएंगी यानी फिर से खर्च. इन मशीनों के भादरन के लिए भी अलग से व्यय होगा.

यानी की कारोबारी मितरों के लिए बंपर कमाई की मोदी की गारंटी)


* * भारत ओलंपिक की मेज़बानी करेगा

  ( पहलवान बेटियों और अन्य खिलाड़ियों की दुर्दशा पर मुंह में दही जमा कर रखेंगे, स्पोर्ट्स अकादेमी में अय्याश और दुर्जन लोगों का ही कब्जा रहेगा. हक की बात करने वाले खिलाड़ियों को सड़कों पर घसीटा जाता रहेगा )


* * 3 करोड़ लखपति दीदी बनाएँगे 

( रोजी रोजगार देकर, देश की सभी बेटियों को लखपति बनने का मौका नहीं देंगे, ताकि अगले चुनावों में फिर से 3 करोड़ के बात उछाल सकें.)


* * 3 करोड़ घर बनाएँगे


मोदी जी आपको इतना सब कुछ करने की जरूरत नहीं है.

आप बस एक काम कीजिए, हर हाथ हाथ को रोजगार दे दीजिए. और महंगाई कंट्रोल कीजिए.लोग अपना घर भी बना लेंगे. लखपति भी बन जाएंगे. मुफ्त में राशन भी नही देना होगा. सबकी थाली में पेट भर खाना होगा. पेट भरा होगा तो अपराध भी कम होंगे. नफरत का बाजार भी मंदा होगा. सबके पास काम होगा तो छेड़छाड़,बलात्कार बलवे भी कम होंगे. मेहनत की कमाई से लोग देश को टैक्स भी देंगे. जिससे देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा. देश स्वयं विकसित होगा.

Thursday 4 April 2024

सुप्रीम कोर्ट: 35 साल पहले सीजेआई रहे पिता ने दिया था फैसला, अब जज बेटी करेगी फैसले की समीक्षा

35 साल पहले भारत के #ChiefJusticeOfIndia के पद पर आसीन रहे #ES_Venkataramiah ने `इंडस्ट्रियल अल्‍कोहल` और `नशीली शराब` के बीच फर्क पर आधारित एक केस में अपना फैसला सुनाया था.
अब 35 साल बाद उनकी पुत्री #BVNagarathna उस फैसले की समीक्षा #SupremeCourt की #Justice के तौर पर करेंगी और फैसला सुनाएगी की उनके पिता द्वारा दिया गया "फैसला" सही था या नहीं.

'इंडस्ट्रियल अल्‍कोहल' और 'नशीली शराब' एक हैं या अलग-अलग–इस मसले को लेकर बहुत सालों से केंद्र और राज्यों की सरकारें आमने-सामने रही हैं. यह झगड़ा झगड़ा तगड़े राजस्व की वजह से है.
नशीली शराब को अभी राज्‍य रेगुलेट करते हैं और वे इंडस्ट्रियल शराब का भी कंट्रोल चाहते हैं. केंद्र इसका विरोध कर रहा है. 
 
इसी विवाद पर 1989 में 7 जजों की बेंच बैठी थी, जिसका नेतृत्व #Justice #BVNagarathna के पिता तत्कालीन #CJIOfIndia #ES_Venkataramiah ने किया था.
उसी फैसले का रिव्यू होना है. अभी जो 9 जजों की रिव्यू कमिटी बनी है उसका नेतृत्व #BVNagarathna कर रही हैं .

हालांकि यह पहला मामला नहीं है की जब बतौर जज किसी ने अपने जज पिता के दिए गए किसी फैसले का रिव्यू किया हो या पलटा हो.

सितंबर 2018 में #Justice #DYChandrachud ने अपने पिता #Justice #Yeshwant_Vishnu_Chandrachudका एक और फैसला पलटा था.
 मई 1985 में, सौमित्री विष्णु केस में सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 497 की वैधता बरकरार रखी थी. इस धारा के तहत, केवल शादीशुदा पुरुषों को ही शादी से बाहर यौन संबंध बनाने की सजा मिलती थी. जोसेफ शाइन मामले में, SC के पांच जजों की बेंच जिसमें जूनियर #Justice #DYChandrachud भी शामिल थे,ने सजा के प्रावधान को अपराध मानने से इनकार कर दिया. 
#SupremeCourt ने यह फैसला दिया की व्यभिचार को तलाक का आधार बनाया जा सकता है.
अगस्त 2017 में #Privacy के अधिकार को #जीवन_के_अधिकार का हिस्सा बताने वाले ऐतिहासिक फैसले में #Justice #DYChandrachud ने #Emergency के समय के #ADM #Jabalpur मामले के फैसले को पलटा था. 
उस केस में मौजूदा #CJIofIndia के पिता सीनियर #JusticeChandrachud बहुमत से फैसला देने वालों में शामिल थे. तब अदालत ने कहा था कि सरकार के पास मूल अधिकारों को निलंबित करने की शक्ति है....
वैसे #justice #BVNagarathna साल 2027 में #भारत की पहली महिला #ChiefJusticeOfIndia बनेंगी. हालांकि उनका कार्यकाल महज 37 दिन ही, 24 सितंबर 2027 से 28 अक्टूबर, 2027 तक होगा. 




Tuesday 2 April 2024

लाला रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, पतंजलि का भारमक विज्ञापन मामला

पतंजलि के झूठे विज्ञापन मामले में आज (2 अप्रैल 2024) को सुनवाई के दौरान लाला रामदेव सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए. इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण भी देश की शीर्ष अदालत में हाजिर हुए.


लाला #रामदेव ने आज #SupremeCourt में माफी मांगते हुए कहा की– 

हम,भ्रामक विज्ञापन मामले पर बिना शर्त माफी मांगते हैं, हमसे चूक हुई है....


जवाब में कोर्ट ने कहा कि –हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर सकते. सिर्फ माफी पर्याप्त नहीं है. ये अदालती कार्यवाही है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. 

21 नवंबर के अदालत के आदेश के बाद भी अगले दिन #रामदेव और #बालकृष्ण ने #पतंजलि की प्रेस कॉन्फ्रेंस की.  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था.आप दो महीने के बाद अदालत के समक्ष पेश हुए हैं.

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव  को फटकार लगाते हुए पूछा की–

आपने एक्ट का उलंघन कैसे किया? 

आपने कोर्ट का अंडरटेकिंग देने के बाद भी उलंघन किया.

आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं.

Sunday 31 March 2024

इलेक्टोरल बांड स्कैम –बेतहाशा महंगी होती जीवनरक्षक दवाएं

 



महंगे भोजन के साथ अब महंगी दवाओं की मार भी झेलने के लिए तैयार हो जाइए.
क्योंकि कल यानी 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी. सरकार इन जीवनरक्षक दवाओं को पूरे 12 फीसदी महंगा कर रही है.
महंगी होने वाली दवाएं बुखार,हार्ट डिजीज, स्किन डिजीज,हाई ब्लड प्रेशर, एंटीबायोटिक्स,एनीमिया की दवाएं, विटामिन्स और आयरन जैसी मेडिसिंस हैं.

इससे पहले साल 2022 में दवाओं की कीमतों में 12 प्रतिशत और 2023 में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.पेरासिटामोल में 130 % जबकि एक्सीसिएंट्स के दामों में 18 से 262 % की वृद्धि, मोदी सरकार ने की है.
पेनिसिलिन जी 175 प्रतिशत महंगा हो गया है. ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स 263 प्रतिशत और 83 प्रतिशत महंगे हो गए हैं.

मौजूदा वक्त में, खासकर #COVID19 के बाद में देश की बहुत बड़ी जनसंख्या हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर और डायबिटीज से जूझ रही है. ऐसे में इन बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं की कीमतों में इजाफा, जानलेवा कदम है.
यह देश की 140 करोड़ जनता के जिंदगियों से सरकार द्वारा किया जाने वाला खिलवाड़ है.
पर सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से सार्वजनिक किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने वाली सूची में 23 फार्मा कंपनीज हैं जिन्होंने बीजेपी को 762 करोड़ रुपए का चंदा दिया है.
और इनमें कई ऐसी दवा कंपनियां हैं जिनकी दवाईयां टेस्ट में फेल होती रही हैं.
मतलब की चुनावी चंदा लेकर, देशवासियों की जान से खेलने का धंधा करने की सरकार ने खुली छूट दे दी है....
ऊपर से मनमानी कीमत बढ़ाने की इजाजत भी.
यानी की मरना तो दोनो सूरतों में है.
महंगे होने की सूरत में इलाज ना करवाने पर भी मरिए. और अगर महंगा इलाज करा भी लिया तो टेस्ट में फेल हुई दवाओं को खाकर मरिए....
देश की जनता भले जान से जाए
चंदा मामा का धंधा चलता रहेगा....

तो बोलिए, राम नाम सत्य है.
आज नहीं तो कल,
आसुरी शक्तियों की भी यही गति है....